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Delhi Red Fort Blast: Head Constable Than Singh's bravery saved many lives after the Delhi Red Fort blast.
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Delhi Red Fort Blast: दिल्ली कार विस्फोट के बाद हेड कांस्टेबल थान सिंह की बहादुरी ने बचाई कई जानें
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Sun, 16 Nov 2025 01:18 AM IST
10 नवंबर को लाल किले के पास हुए बम विस्फोट के बाद सबसे पहले प्रतिक्रिया देने वालों में से एक, हेड कांस्टेबल थान सिंह ने कहा, "मैं जैसे ही आगे पहुंचा तो हमें एक धमाके की आवाज आई.वहां लोग इधर से उधर भाग रहे थे वहां लोग नीचे गिरे हुए थे और हमारा फर्ज था कि हम उन्हें बचाए.हमने घायलों को बचाया और रिक्शों में बैठाकर अस्पताल पहुंचाया। हमारा कर्तव्य है लोगों की जान बचाना.वह दृश्य बहुत खतरनाक था
दिल्ली के लाल किले के पास हाल ही में हुए विस्फोट की घटना 10 नवंबर 2025 की शाम को हुई, जब लाल किला मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर-1 के पास खड़ी एक हुंडई आई20 (Hyundai i20) कार में जबरदस्त धमाका हुआ। यह घटना शाम लगभग 6:52 बजे हुई, जिसने राष्ट्रीय राजधानी को दहला दिया। यह विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि कार के परखच्चे उड़ गए, जिससे आसपास खड़ी कई गाड़ियों (कार, ई-रिक्शा, ऑटो-रिक्शा) में भीषण आग लग गई और इलाके में अफरा-तफरी मच गई। इस आतंकी हमले में 13 लोगों की मौत हुई और 20 से अधिक लोग घायल हुए, जिन्हें तुरंत लोक नायक जय प्रकाश (LNJP) अस्पताल ले जाया गया।
प्रारंभिक जांच में पता चला कि कार में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट जैसे खतरनाक विस्फोटक भरे थे। सीसीटीवी फुटेज से यह सामने आया कि धमाके से पहले कार करीब तीन घंटे तक सुनहरी मस्जिद पार्किंग में खड़ी रही थी और ट्रैफिक सिग्नल के पास रुकने पर उसमें विस्फोट हुआ।
केंद्र सरकार ने इस घटना को आतंकी हमला घोषित किया और इसकी जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को सौंप दी गई, जिसने UAPA (गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम) की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की। जांच में डॉक्टर उमर नबी, जो जम्मू-कश्मीर के पुलवामा का निवासी था और हरियाणा के अल-फलाह विश्वविद्यालय से जुड़ा था, को कार चलाने और विस्फोट को अंजाम देने वाला संदिग्ध माना गया। अधिकारियों के अनुसार, उमर नबी ने संभवतः अपने साथियों की गिरफ्तारी और फरीदाबाद में 2,900 किलोग्राम विस्फोटक की बरामदगी के बाद घबराहट में फिदायीन हमले के तौर पर इस विस्फोट को अंजाम दिया। यह आतंकी मॉड्यूल जैश-ए-मोहम्मद (JeM) और अंसार ग़ज़वत-उल-हिंद जैसे आतंकी संगठनों से जुड़ा हुआ पाया गया है। घटना के बाद, दिल्ली-एनसीआर सहित पूरे देश में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है।
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