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Donald Trump Tariffs India: Can America distance itself from the Indian market? | USA
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Donald Trump Tariffs India: भारतीय बाजार से दूरी बना सकता है अमेरिका? | USA
वीडियो डेस्क, अमर उजाला Published by: तन्मय बरनवाल Updated Sat, 09 Aug 2025 04:08 AM IST
सोचिए, अगर कल सुबह उठते ही अमेरिका में भारतीय कपड़े, गहने या झींगा 50% महंगे हो जाएं… तो क्या होगा? यही हुआ है! डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर दो-दो टैरिफ बम गिरा दिए हैं। 7 अगस्त से पहला और 27 अगस्त से दूसरा टैरिफ लागू होगा, जिससे भारत का लगभग 86 अरब डॉलर का निर्यात सीधे चपेट में आ गया है। टेक्सटाइल, ज्वैलरी और मरीन प्रोडक्ट्स पर सबसे बड़ा असर पड़ेगा। ट्रंप के इस फैसले से लाखों किसानों, कामगारों और एक्सपोर्टर्स की रातों की नींद उड़ चुकी है। आखिर किन सेक्टर्स पर इसका असर पड़ेगा। इस वीडियो में हम आपको बताएँगे विस्तार से।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को भारत पर 25 फीसदी के सामान्य आयात शुल्क के ऊपर जुर्माने के तौर पर 25 फीसदी टैरिफ लगाने का एलान कर दिया। सामान्य टैरिफ आज से प्रभावी हो गया, वहीं 25 फीसदी अतरिक्त टैरिफ 27 अगस्त से लागू होगा।
आखिर ट्रंप के 50 फीसदी आयात शुल्क का भारत पर क्या असर पड़ेगा? देश के कौन से क्षेत्र इस फैसले से सबसे ज्यादा प्रभावित होंगे? कौन से क्षेत्र अमेरिकी टैरिफ से प्रभावित नहीं होंगे? अमेरिका में भारतीय उत्पादों के महंगे होने का क्या असर होगा? आइये जानते हैं...
ट्रंप के 25% टैरिफ के ऊपर जुर्माने का क्या होगा असर?
इस फैसले से भारत से अमेरिका निर्यात किए जाने वाले अधिकतर उत्पादों का वहां महंगा होना तय है। माना जा रहा है कि इससे भारतीय निर्यातकों को झटका लग सकता है, क्योंकि अमेरिका भारतीय उत्पादों का बड़ा खरीदार है। टैरिफ बढ़ने से अमेरिकी नागरिक भारतीय उत्पादों की जगह दूसरे देशों से कम टैरिफ दर पर आने वाले सामान को तरजीह दे सकते हैं।
भारत-अमेरिका के बीच व्यापार के आंकड़े क्या?
भारत और अमेरिका के बीच व्यापार 190 बिलियन डॉलर से अधिक का है, जिसमें 2024 में भारत से अमेरिकी निर्यात 87.3 बिलियन डॉलर और अमेरिका से भारत का आयात 41.5 बिलियन डॉलर था. 2024 में भारत का व्यापार घाटा अमेरिका के साथ 45.8 बिलियन डॉलर था, जो 2023 से 5.9% अधिक है.
अब सवाल उठता है की भारत के किन क्षेत्रों पर ज्यादा असर पड़ने की आशंका?
हमारे टेक्सटाइल, आभूषण और रत्न, कृषि और कुछ अन्य सेक्टर पर इस टैरिफ का असर दिख सकता है। 7 अगस्त से प्रभावी हुए 25 फीसदी टैरिफ की बात की जाए तो जो चावल पहले अमेरिकी नागरिक 100 रुपये में पा रहे थे, अब 25 फीसदी आयात शुल्क लगने के बाद वह उन्हें 125 रुपये में मिलेगा। 27 अगस्त को लगने वाले 25 फीसदी अतरिक्त टैरिफ के बाद यह बढ़कर 150 रुपये का हो जाएगा। यही स्थिति अलग-अलग सेक्टर्स के उत्पादों की रहेगी।
1. टेक्सटाइल
भारत के कपड़ा उद्योग के निर्यात का बड़ा हिस्सा अमेरिका पर निर्भर है। भारत से होने वाला कुल टेक्सटाइल निर्यात का 28 फीसदी अकेले अमेरिका को जाता है, जिसकी कुल कीमत 10.3 अरब डॉलर से ज्यादा है। नए टैरिफ का असर इस सेक्टर पर सबसे ज्यादा पड़ेगा। वहीं वियतनाम, इंडोनेशिया और बांग्लादेश जैसे दशों को इसका फायदा होगा। वियतनाम पर अमेरिका 19 फीसदी टैरिफ लगा रहा है, वहीं इंडोनेशिया पर ट्रंप ने 20 फीसदी टैरिफ लगाया है। इस लिहाज से भारत के टेक्सटाइल सेक्टर को अमेरिकी टैरिफ के चलते प्रतियोगिता में नुकसान होने की आशंका है। इसी तरह बांग्लादेश और कंबोडिया के ऊपर भी टैरिफ दर 20 फीसदी से कम है।
2. रत्न-आभूषण
भारत के रत्न और आभूषण से जुड़े सेक्टर पर भी अमेरिकी टैरिफ का बड़ा प्रभाव पड़ने की आशंका है। इस सेक्टर से अमेरिका को हर वर्ष 12 अरब डॉलर का निर्यात करता है। मौजूदा समय में इस उद्योग पर अमेरिका का बेसलाइन 10 फीसदी टैरिफ लगता है, जिसका एलान अप्रैल में ही किया गया था, जबकि इससे पहले तक यह ड्यूटी पॉलिश्ड हीरों पर शून्य, सोने और प्लैटिनम ज्वैलरी पर 5-7 प्रतिशत और चांदी की ज्वैलरी पर 5-13.5 फीसदी तक टैरिफ लगता था। नए टैरिफ के चलते रत्न-आभूषण से जुड़े सेक्टर्स को बड़े नुकसान की आशंका है।
3. कृषि उत्पाद
भारत फिलहाल अमेरिका को 5.6 अरब डॉलर से ज्यादा के कृषि उत्पाद निर्यात करता है। उसके बड़े निर्यातों में से मरीन उत्पाद, मसाले, डेयरी उत्पाद, चावल, आयुष और हर्बल उत्पाद, खाद्य तेल, शक्कर और ताजा सब्जियां और फल भी निर्यात इसमें शामिल है। माना जा रहा है कि ट्रंप के टैरिफ का सबसे ज्यादा असर भारत की सीफूड इंडस्ट्री यानी मरीन उत्पादों पर पड़ेगा।
4. इन सब के अलावा और किन-किन सेक्टर्स पर असर पड़ने की आशंका
इन सेक्टर्स के अलावा चमड़ा और फुटवियर उद्योग से अमेरिका को हर वर्ष 1.18 अरब, केमिकल उद्योग 2.34 अरब और इलेक्ट्रिक और मशीनरी उद्योग 9 अरब डॉलर का निर्यात करता है।
ये फेहरिस्त यही खत्म नहीं होती, अब आपको थोड़ा और विस्तार से बताते है उन चीजों के बारे में भी जिन पर टैरिफ का असर पड़ सकता है। अमेरिका के बढ़े टैरिफ पर जिन क्षेत्रों को सबसे ज्यादा खामियाजा भुगतना पड़ेगा, उनमें वस्त्र/परिधान (10.3 अरब ऑलर), रत्न एवं आभूषण (12 अरब डॉलर), झींगा (2.24 अरब डॉलर), चमड़ा एवं जूते (1.18 अरब डॉलर), पशु उत्पाद, रसायन (2.34 अरब डॉलर) और विद्युत एवं यांत्रिक मशीनरी (9 अरब डॉलर) शामिल हैं। निर्यातकों के अनुसार, इस कदम से अमेरिका को भारत के 86 अरब डॉलर मूल्य के निर्यात पर गंभीर असर पड़ेगा।
ये तो बात हो गई उन सेक्टर्स और सामानों के बारे में जो महंगे हो सकते है। लेकिन अब बात कर लेते है की कौन से सेक्टर ट्रंप के टैरिफ के असर से बच सकते हैं?
1. इलेक्ट्रॉनिक्स
भारत का इलेक्ट्रॉनिक सेक्टर अमेरिका को सबसे ज्यादा निर्यात करने वाला सेक्टर है। बीते कुछ वर्षों में भारत स्मार्टफोन्स से लेकर लैपटॉप, सर्वर और टैबलेट्स के मामले में अमेरिका का सबसे बड़ा निर्यातक बना है। न्यूज एजेंसी पीटीआई ने गुरुवार को सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि अमेरिका में इस सेक्टर पर आयात शुल्क लगाने के लिए उसे सेक्शन 232 की समीक्षा करनी पड़ेगी। यानी इस सेक्टर को अमेरिकी टैरिफ से राहत मिलने का अनुमान है।
2. फार्मा
भारत के फार्मा सेक्टर के लिए अमेरिका सबसे बड़ा गंतव्य है। रिपोर्ट्स की मानें तो भारत का अमेरिका को कुल निर्यात 10.5 अरब डॉलर का रहा है। यानी भारत के कुल फार्मा निर्यात का करीब 40 फीसदी हिस्सा अमेरिका को ही जाता है। विश्लेषकों ने दावा किया है कि भारत के इस सेक्टर को फिलहाल ट्रंप के टैरिफ के दायरे से बाहर रखा गया है। ब्रोकरेज हाउस जेफरीज ने कहा है कि अभी के लिए भारतीय फार्मा सेक्टर पर ट्रंप के जवाबी टैरिफ का न्यूनतम प्रभाव पड़ेगा, लेकिन भविष्य में किसी अतिरिक्त टैरिफ से इनकार नहीं किया जा सकता है। ट्रंप के टैरिफ पर क्या है जानकारों की राय?
आपको बता दें की भारतीय निर्यात संगठन महासंघ (फियो) के महानिदेशक अजय सहाय ने टैरिफ बढ़ाने के अमेरिका के कदम को हैरान करने वाला बताया है। उन्होंने कहा कि इससे अमेरिका को भारत के 55 प्रतिशत निर्यात पर असर पड़ेगा। 2024-25 में भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.8 अरब डॉलर का हुआ था। इसमें भारत ने 86.5 अरब डॉलर की वस्तुओं का निर्यात किया था और 45.3 अरब डॉलर के सामान का आयात किया था।
तो ट्रंप का यह टैक्स हमला भारत के लिए सिर्फ एक व्यापारिक संकट नहीं, बल्कि लाखों किसानों, कामगारों और एक्सपोर्टरों के जीवन पर असर डालने वाला निर्णय बन सकता है। आने वाले दिनों में ये देखना दिलचस्प होगा कि भारत सरकार इससे कैसे निपटती है… और अमेरिका में बढ़ती महंगाई का ट्रंप की राजनीति पर क्या असर होता है।
इस मामले में आपकी क्या राय है हमें कमेंट सेक्शन में जरूर बताए।
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