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Prayagraj Flood: Flood in Prayagraj due to the fury of Ganga-Yamuna, what is the situation
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Prayagraj Flood: गंगा-यमुना के रौद्र रूप से प्रयागराज में बाढ़, कैसी है स्थिति?
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: सत्यम दुबे Updated Fri, 08 Aug 2025 01:39 PM IST
प्रयागराज में गंगा-यमुना का रौद्र रूप से कई कई हजार लोगों को सामना करना पड़ा है। लेकिन अब राहत की बात यह है कि संगम नगरी में दोनों ही नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से नीचे चला गया है और धीरे-धीरे बाढ़ का पानी भी पीछे की ओर जा रहा है। बाढ़ का पानी अब लगभग आबादी एरिया से निकल चुका है जहां लोग अपने-अपने घरों और दरवाजों को साफ करने में लगे हैं वहीं, वहीं घाट भी धीरे-धीरे पानी से बाहर आ रहा है।
आपको बता दें कि बाढ़ की चपेट में आई करीब पांच लाख की आबादी की दुश्वारियां कम होती दिख रही हैं। बाढ़ की वजह से लोगों के सामने भोजन-पानी का संकट खड़ा होने लगा था। करीब 65 से 70 हजार लोगों के बेघर होने व छह दिनों से पानी में डूबे दो हजार से अधिक घरों में नुकसान की आशंका जताई जा रही थी। साथ ही कृषि विभाग के अनुसार दो हजार से अधिक हेक्टेयर में धान की फसल और सब्जियों के नुकसान का अनुमान है।
गुरुवार सुबह को गंगा का जलस्तर फाफामऊ में 84.19 और यमुना का नैनी में 84.08 मीटर रहा। सोमवार से नदियों में पानी कम होना शुरू हुआ है। बुधवार को फाफामऊ में 40 सेमी और नैनी में 21 सेमी जलस्तर कम हुआ है। बाढ़ से शहर के तकरीबन 60 मोहल्ले और जिले के करीब 290 गांव अब भी प्रभावित बताए जा रहे हैं। जिले के 21 राहत शिविरों में करीब 9368 लोग शरण लिए हैं। इसके अलावा कुछ लोग रिश्तेदार तो कुछ किराये पर कमरा लेकर रह रहे हैं।
प्रशासन ने 330 नावें और 29 मोटर बोट लगाई हैं। जिले के 133 गांवों-मोहल्लों में 300 नावों और मोटरबोट का संचालन किया जा रहा है। शहर से गांव तक करीब 68 गांवों का संपर्क अब भी कटा है। बाढ़ में फंसे लोगों के सामने पानी, दूध, एलपीजी की समस्या के साथ ही अब गंदगी और संक्रामक बीमारियां मुसीबत बन रही हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ के 630 जवानों को बचाव कार्य में लगाया गया है।
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने बताया कि मकानों की क्षति का आकलन कराया जा रहा हैं। गंगा, यमुना के जलस्तर में तेजी से कमी आ रही है। पानी उतरते ही सफाई के लिए विशेष अभियान चलाने के निर्देश नगर आयुक्त को दिया गया है। बाढ़ के दौरान शहर से ग्रामीण अंचल में करीब 100 से अधिक सड़कें व पुल-पुलिया क्षतिग्रस्त हुई हैं।
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