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Russia china and india came together against america and trump tariffs
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Trump Tariff War: अमेरिका के खिलाफ रूस, चीन और भारत का डॉलर वाला प्लान!
वीडियो डेस्क/ अमर उजाला डॉट कॉम Published by: पल्लवी कश्यप Updated Fri, 08 Aug 2025 07:13 PM IST
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप इस वक्त भारत से पर्सनल खुन्नस निकाल रहे हैं। लेकिन रूस भारत और चीन भी ट्रंप के ट्रीटमेंट की तैयारी कर रहे हैं। ट्रंप ने सबसे ज्यादा टैरिफ इस वक्त भारत पर लगाया है। पूरे 50 प्रतिशत का। 25 प्रतिशत के टैरिफ के बाद 25% टैरिफ एक्स्ट्रा। दरअसल भारत पर 50 प्रतिशत टैरिफ की असली जड़ ट्रंप रूस को बता रहे हैं। ट्रंप के दायरे में भारत ही नहीं, रूस और चीन भी आ गए हैं. इसका मतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति इस समय रूस, भारत और चीन पर एकसाथ हमलावर हो गए हैं. तो क्या ये तीनों देश अगर मिल जाएं तो ट्रंप की दादागिरी खत्म कर सकते हैं? अगर ध्यान से समझें तो अमेरिका को सबसे ज्यादा लाभ ग्लोबल मार्केट में डॉलर में होने वाले ट्रेड से होता है. तो क्या, रूस-भारत और चीन मिलकर डॉलर का मुकाबला कर सकते हैं. RIC यानी रूस-भारत-चीन त्रिपक्षीय मंच की शुरुआत 1990 के दशक में रूस के पूर्व प्रधानमंत्री येवगेनी प्रिमाकोव ने की थी। इसका उद्देश्य था अमेरिका और पश्चिमी देशों के एकध्रुवीय (unipolar) विश्व व्यवस्था को चुनौती देना और एक बहुध्रुवीय (multipolar) विश्व व्यवस्था को बढ़ावा देना। इस मंच का लक्ष्य तीनों देशों के बीच रणनीतिक, आर्थिक और सुरक्षा सहयोग को मजबूत करना था। 2002 से 2020 तक RIC ने 20 से अधिक मंत्रिस्तरीय बैठकें कीं, जिसमें विदेश नीति, व्यापार, और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। 2020 के बाद भारत-चीन सीमा पर गलवान घाटी संघर्ष और कोविड-19 महामारी के कारण यह मंच निष्क्रिय हो गया। रूस और चीन अब इस मंच को फिर से सक्रिय करने के पक्ष में हैं। भारत ने भी इस पर सकारात्मक लेकिन सतर्क रुख अपनाया है। भारत के NSA अजित डोवल ने मॉस्को में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और सुरक्षा परिषद के सचिव सर्गेई शोइगू से मुलाकात की। इस दौरान पुतिन की भारत यात्रा की तारीखें लगभग तय हो गईं, और रूस-भारत रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने पर जोर दिया गया।
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