देश में जीएसटी सुधारों पर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है। पूर्व केंद्रीय वित्त मंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम ने केंद्र सरकार की तरफ से हाल ही में घोषित जीएसटी दरों में कटौती का स्वागत करते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि सरकार ने आठ साल बाद अपनी गलती मान ली है, लेकिन इस लंबे समय में गरीबों और मध्यम वर्ग को 'निचोड़कर रख दिया गया।'
मदुरै में पत्रकारों से बातचीत में चिदंबरम ने कहा, 'मैं सरकार की सराहना करता हूं कि उन्होंने आखिरकार यह समझ लिया कि उनकी नीति गलत थी। जब यह कानून आठ साल पहले लागू हुआ था, तब हमने साफ तौर पर कहा था कि इस तरह का टैक्स नहीं लगाया जाना चाहिए। उस समय तत्कालीन मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम ने भी चेतावनी दी थी कि यह एक गलती है। लेकिन प्रधानमंत्री और मंत्रियों ने किसी की नहीं सुनी।'
चिदंबरम ने आगे कहा कि उन्होंने संसद में कई बार यह मुद्दा उठाया और खुद भी कई लेख लिखे, लेकिन उनकी बातों को नजरअंदाज कर दिया गया। 'इन आठ वर्षों में मध्यम वर्ग और गरीब जनता पर 12% और 18% जीएसटी दरों का बोझ डाला गया। अब जब यह दरें घटाकर 5% कर दी गई हैं, तो मैं सरकार का धन्यवाद करता हूं कि उन्हें आखिरकार समझ आया और सुधार किया।' उन्होंने कहा कि अब यह कदम जनता को राहत देगा, लेकिन लंबे समय तक जो आर्थिक दबाव लोगों ने झेला है, उसकी भरपाई होना मुश्किल है।
कांग्रेस नेता के इस बयान पर केरल भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने चिदंबरम को नाकाम और निराश नेता बताते हुए कहा, 'पी. चिदंबरम एक हताश, निराश और असफल वित्त मंत्री हैं। यह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने हमारे देश की अर्थव्यवस्था के डिजिटलीकरण, फिनटेक और यूपीआई का मजाक उड़ाया था।' राजीव चंद्रशेखर ने कहा कि चिदंबरम कई बार गलत साबित हुए हैं और उनके फैसलों ने अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाया। 'मैं विनम्रता से कहना चाहता हूं कि उन्हें आज की अर्थव्यवस्था पर बोलने का कोई अधिकार नहीं है। यह वही व्यक्ति हैं जिन्होंने देश की अर्थव्यवस्था को बर्बाद किया था।'