राजस्थान के जैसलमेर में मंगलवार को उस वक्त हड़कंप मच गया, जब चलती बस में आग लग गई। आग लगने की वजह से 20 यात्री जिंदा जल गए। इस दर्दनाक घटना से जैसलमेर सहित पूरा देश दहल उठा। इस हादसे में एक ही परिवार के 5 लोगों समेत 20 यात्री जिंदा जल गए, जबकि 15 से ज्यादा लोग झुलस गए हैं।
हादसे में झुलसे लोगों का जोधपुर में इलाज चल रहा है। जब आग लगी तो उस वक्त बस में 40 यात्री मौजूद थे। हादसा इतना भयानक था कि कई शव बस की बॉडी से चिपक गए। कुछ यात्री इस कदर जले हैं कि उनकी पहचान तक संभव नहीं हो पा रही है। हादसे को लेकर कलेक्टर प्रताप सिंह ने बताया कि मृतकों की पहचान हेतु उनके दो निकटतम परिजनों के DNA सैंपल लिए जा रहे हैं।
आपको बता दें कि हादसे का शिकार हुई बस केके ट्रैवल्स की थी, जिसे 1 अक्टूबर 2025 को रजिस्टर किया गया था, और 9 अक्टूबर को ऑल इंडिया परमिट जारी हुआ था। यह बस मात्र चौथे फेरे पर थी और इतनी जल्दी जलकर खाक हो जाना, कई सवाल खड़े करता है।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, बस मॉडिफाइड थी, लेकिन उसमें न तो इमरजेंसी एग्जिट गेट था और न ही विंडो तोड़ने के लिए हैमर। इस लापरवाही के कारण लोग बाहर नहीं निकल सके और बस के अंदर ही फंस गए। कई शव एक-दूसरे के ऊपर चिपके हुए मिले हैं।
हादसे की वजह को लेकर अब तक कई थ्योरी सामने आ चुकी हैं। शुरू में शॉर्ट सर्किट को कारण माना गया, फिर कहा गया कि बस के एसी का कम्प्रेशर फट गया। वहीं, स्थानीय लोगों का दावा है कि बस की डिग्गी में पटाखे रखे हुए थे, जिससे धमाका हुआ और आग फैल गई।
हादसे में गंभीर रूप से झुलसे 16 लोगों को तुरंत ग्रीन कॉरिडोर के जरिए जोधपुर भेजा गया। करीब 275 किलोमीटर लंबा यह कॉरिडोर सेना, पुलिस और प्रशासन की मदद से तैयार किया गया। इस दौरान एक बुजुर्ग की रास्ते में ही मौत हो गई थी।