ओडिशा के बालासोर जिले में मंगलवार को बाढ़ की स्थिति बहुत गंभीर हो गई। जिले के उत्तरी हिस्से में करीब 100 गांवों में सड़कों और खेतों में पानी भर गया है। बाढ़ का पानी भरने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। राजस्व और आपदा प्रबंधन मंत्री सुरेश पुजारी ने बताया कि उत्तरी ओडिशा की सभी बड़ी नदियों का जलस्तर कम हो रहा है, लेकिन बहुत से गांव अभी बी पानी में डूबे हुए हैं। प्रशासन ने बालासोर, मयूरभंज और जाजपुर जिलों में राहत और बचाव काम तेज कर दिया है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, बालासोर जिले में भारी बारिश और झारखंड से पानी छोड़े जाने के कारण सुवर्णरेखा नदी में बाढ़ आ गई। इसके कारण भोगराई, बलियापाल, जलेश्वर और बस्ता ब्लॉकों के लोग प्रभावित हुए हैं। तीन नदियों- सुवर्णरेखा, बुधबलंग और जलाका का जलस्तर बढ़ने से बालासोर के कई गांवों में बाढ़ आ गई। मयूरभंज जिले में भी सुवर्णरेखा और बुधबलंग नदी का जलस्तर बढ़ने से लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। इसी तरह, जाजपुर जिले के कुछ इलाकों में बैतरणी नदी का पानी भर गया है। जल संसाधन विभाग के अधिकारी ने बताया कि हालांकि सुवर्णरेखा और जलाका नदियों का पानी धीरे-धीरे कम हो रहा है, लेकिन राजघाट और मथानी में अब भी यह खतरे के निशान के पास है।
बालासोर के कलेक्टर ने बस्ता, जलेश्वर, बलियापाल और भोगराई ब्लॉकों का दौरा किया और बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया। एक सरकारी सूचना के मुताबिक, अब तक सात ब्लॉकों में 46 पंचायतें प्रभावित हुई हैं और 2,916 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। लोगों के लिए 17 राहत शिविरों की व्यवस्था की गई है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक, जाजपुर जिले में बैतरणी नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर चला गया है। बंगाल की खाड़ी में बने कम दबाव के कारण लगातार बारिश हो रही है, जिससे बैतरणी नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। जिले के दशरथपुर, कोरेई, बिंझारपुर और जाजपुर ब्लॉकों की कई पंचायतों पर बाढ़ का गंभीर असर पड़ सकता है। जाजपुर की कलेक्टर पी. अन्वेषा रेड्डी ने कहा कि सभी अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है और वे बाढ़ पर नजर रखे हुए हैं।