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Hemant Khandelwal: For these 5 reasons, Hemant Khandelwal was made the new state president of Madhya Pradesh B
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Hemant Khandelwal: इन 5 वजहों से मध्यप्रदेश भाजपा के नए प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए हेमंत खंडेलवाल !
वीडियो डेस्क, अमर उजाला डॉट कॉम Published by: भास्कर तिवारी Updated Tue, 01 Jul 2025 08:30 PM IST
मध्य प्रदेश भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष को लेकर तस्वीर साफ हो गई है। प्रदेश अध्यक्ष पद के लिए सिर्फ हेमंत खंडेलवाल ने ही नामांकन किया है, उनके अलावा किसी अन्य सदस्य ने दावेदारी पेश नहीं की है। ऐसे में हेमंत खंडेलवाल का निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष बनना तय माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि बुधवार को प्रदेश कार्यकारिणी की बैठक में उनके नाम का औपचारिक एलान किया जाएगा। नामांकन के दौरान सीएम डॉ मोहन यादव, वीडी शर्मा, केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय मंत्री वीरेंद्र खटीक, प्रदेश बीजेपी अध्यक्ष वीडी शर्मा, मंत्री प्रह्लाद पटेल, डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल, डिप्टी सीएम जगदीश देवड़ा और मंत्री राकेश सिंह समेत कई नेता प्रस्तावक के रूप में उनके साथ मौजूद रहे। खंडेलवाल मूल रूप से उत्तर प्रदेश के मथुरा के रहने वाले हैं। उनका जन्म 3 सितंबर 1964 को मथुरा में हुआ था।
खंडेलवाल को राजनीति और समाजसेवा के संस्कार अपने पिता स्वर्गीय विजय कुमार खंडेलवाल से विरासत में मिले हैं। विजय कुमार खंडेलवाल भाजपा से सांसद रह चुके हैं। पिता के निधन के बाद हेमंत खंडेलवाल ने उनकी राजनीतिक और समाजिक विरासत संभाली। हेमंत अपने पिता के समय से ही जनसेवा के लिए समर्पित रहे हैं। जानकारी के अनुसार, हेमंत खंडेलवाल के सक्रिय राजनीतिक सफर की शुरुआत 2008 में हुई थी। दरअसल, पिता विजय कुमार खंडेलवाल के निधन से बैतूल लोकसभा सीट खाली हो गई। इस दौरान हुए उपचुनाव में भाजपा ने हेमंत खंडेलवाल को टिकट देकर चुनावी मैदान में उतारा। हेमंत का सामना कांग्रेस प्रत्याशी सुखदेव पांस से था, जिन्हें हराकर वे लोकसभा पहुंचे थे। इसके बाद वे 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के हेमंत वागद्रे को हराकर विधायक बने और 2018 तक बैतूल विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व किया।
2018 के विस चुनाव में भाजपा ने उन्हें फिर से प्रत्याशी बनाया, लेकिन इस बार वे कांग्रेस के निलय डागा से चुनाव हार गए। पांच साल बाद 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा ने एक बार फिर खंडेलवाल पर भरोसा जताया। इस दौरान उन्होंने निलय डागा को हराकर अपनी पारिवारिक सीट पर फिर से कब्जा कर लिया। हेमंत खंडेलवाल ने अपने राजनीतिक जीवन में हमेशा जनता की समस्याओं को प्राथमिकता दी है। क्षेत्र के विकास, सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल और किसानों के मुद्दों पर वे हमेशा मुखर और सक्रिय रहे हैं। उनके प्रयासों से बैतूल में कई विकास योजनाएं क्रियान्वित की गईं, जिनका आमजन को सीधा लाभ मिला है। हेमंत खंडेलवाल भाजपा की ओर से सांसद और विधायक रहने के साथ-साथ पार्टी में भी जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वे मप्र भाजपा के कोषाध्यक्ष रह चुके हैं। कुशाभाऊ ठाकरे विचार न्यास के अध्यक्ष भी हैं।
इसके अलावा भी उन्होंने पार्टी और संगठन में कई जिम्मेदारियां संभाली है। हेमंत खंडेलवाल नेता होने के साथ-साथ उद्योगपति और किसान भी हैं। उन्होंने बीकॉम और एलएलबी की डिग्री ले रखी है। उन्होंने 12 फरवरी 1990 में रितु खंडेलवाल से विवाह किया था। दोनों के दो बच्चे हैं, जिनमें एक बेटा और एक बेटी है। उनके पिता पूर्व सांसद विजय कुमार खंडेलवाल का निधन हो चुका है। मां कांति खंडेलवाल परिवार के साथ रहती हैं। मध्यप्रदेश सरकार में मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री और बैतूल से आदिवासी सांसद को केंद्र में भेजकर बीजेपी ने पहले ही सारे सियासी समीकरण साध लिए हैं। अब बीजेपी वैश्य जाति से आने वाले हेमंत खंडेलवाल को अध्यक्ष बनाकर सभी सियासी समीकरण पूरे करना चाहती है।भारत देश में वैश्य समाज की 30 फीसदी जनसंख्या है। मध्यप्रदेश में देखा जाए तो शहरी इलाकों में बड़ी संख्या में वैश्य मतदाता हैं। ऐसे में बीजेपी 2028 विधानसभा चुनाव और 2029 लोकसभा चुनाव से पहले इस वर्ग को खुश करना चाहेगी।
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