राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए चार नए सदस्यों को मनोनीत किया है. इनमें जाने-माने वकील उज्ज्वल निकम, पूर्व विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला, इतिहासकार डॉ. मीनाक्षी जैन और केरल के सामाजिक कार्यकर्ता सी. सदानंदन मास्टर शामिल हैं. सदानंदन मास्टर शिक्षा और सामाजिक सेवा से लंबे समय से जुड़े रहे हैं. वे खुद केरल में राजनीतिक हिंसा का शिकार भी रह चुके हैं. इनमें से हर नाम अपने-अपने क्षेत्र में खास पहचान रखता है. उन्होंने गुवाहाटी विश्वविद्यालय से बी.कॉम और कालीकट विश्वविद्यालय से बी.एड की डिग्री हासिल की. वे 1999 से पेरमंगलम के श्री दुर्गा विलासम उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे हैं.
इनके अलावा वे केरल में राष्ट्रीय शिक्षक संघ के उपाध्यक्ष और इसके देशीय अध्यापक वार्ता के पब्लिकेशन संपादक भी हैं. भारतीय विचार केंद्रम के भी सक्रिय सदस्य हैं, जिसकी स्थापना एक आरएसएस प्रचारक पी परमेश्वरन ने किया था. सदानंदन मास्टर पर 25 जनवरी, 1994 को, राजनीतिक झड़पों के लिए जाने जाने वाले जिले कन्नूर में उनके आवास के पास हमला किया गया था. इस हमले में उनके दोनों पैर काट दिए गए थे. यह हमला कथित तौर पर भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के सदस्यों द्वारा किया गया था और कथित तौर पर उनके वामपंथी विचारधारा से दूर होने से जुड़ा था.
घटना के समय उनकी उम्र 30 वर्ष थी. अपनी चोटों के बावजूद, वे सार्वजनिक और राजनीतिक जीवन में सक्रिय रहे हैं. वह पहले भी केरल में चुनाव में हिस्सा लिया है, जिसमें कन्नूर के कुथुपरम्बा निर्वाचन क्षेत्र से भी चुनाव लड़ चुके हैं. 2021 के चुनाव में भी वह उम्मीदवार थे.
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