बड़वानी जिले के राजपुर अंचल के ग्राम लिंबई कीरता फलियां में शनिवार शाम जंगली जानवर के हमले से सात वर्षीय मासूम बालिका गीता की मौत हो गई। घटना के बाद ग्रामीणों में आक्रोश फैल गया और उन्होंने अस्पताल परिसर में जमकर हंगामा किया। ग्रामीणों का आरोप है कि वन विभाग की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। उनका कहना है कि कई बार चेतावनी देने के बाद भी विभाग ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया, जिसके चलते लगातार घटनाएं हो रही हैं। बता दे करीब 20 दिन पूर्व ग्रामीणों ने धरना प्रदर्शन कर जंगली जानवर को पकड़ने की मांग की थी।
भारतीय किसान संघ के संभागीय सदस्य मंसाराम पंचोले ने बताया कि शनिवार शाम करीब 5 बजे गीता घर के बाहर आंगन में बैठी थी, तभी तेंदुए ने हमला कर दिया। बालिका को उठाकर ले जाते देख उसकी मां के शोर मचाने पर ग्रामीण मौके पर पहुंचे और तेंदुए के पीछे भागे। इस दौरान तेंदुआ बालिका को कपास के खेत में छोड़कर भाग गया। घायल गीता को राजपुर अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टर हिमांशु ने उसे मृत घोषित कर दिया। डॉक्टर के अनुसार, बालिका की गर्दन पर तेंदुए के दांतों के गहरे निशान थे।
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प्रशासन पर लापरवाही के आरोप, ग्रामीणों ने दी हड़ताल की चेतावनी
बालिका की मौत के बाद अस्पताल परिसर में परिजन और ग्रामीणों ने वन विभाग व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन केवल खानापूर्ति करता है। पिंजरे और ड्रोन कैमरे तो दिखाए जाते हैं, लेकिन न तो तेंदुए पकड़े जाते हैं और न ही ग्रामीणों को सुरक्षा मिलती है। मंसाराम पंचोले ने कहा कि प्रशासन कुंभकरण की नींद सो रहा है और लगातार घटनाओं से पूरा इलाका दहशत में है। ग्रामीणों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल की चेतावनी दी है।
जंगली जानवर के हमले से अब तक 9 मौत
बता दे राजपुर में पिछले करीब 6 माह से जंगली जानवर का आतंक है। जंगली जानवर द्वारा पिछले दिनों राजपुर के लिंबई गांव में 17 लोगों पर हमला किया गया था, जिसमें से आठ की मौत हो गई। वहीं एक माह पूर्व राजपुर क्षेत्र के इंद्रपुर गांव में जंगली जानवर के हमले से आठ वर्षीय बालक की मौत हो गई। वहीं 20 दिन पूर्व इंद्रपुर की एक महिला पर हमला कर उसे घायल कर दिया था।
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पकड़ने के लिए लगाए हैं पिंजरे
रेंजर विकास जमरे ने बताया कि जंगली जानवर को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए हैं, लेकिन आक्रोशित ग्रामीण वन विभाग के स्टाफ को मौके पर नहीं जाने दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि मामला शांत होने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी।
रात में घरों से बाहर न निकलने की अपील
डीएफओ आशीष बंसोड़ के अनुसार, वन विभाग ने सुरक्षा बढ़ाने के लिए कई कदम उठाए हैं। रात के समय वनकर्मियों को लगातार गश्त पर लगाया गया है। साथ ही, पिंजरे और ट्रैप कैमरे भी स्थापित किए जा रहे हैं। एक विशेष बचाव दल की मदद ली जा रही है। विभाग ने ग्रामीणों को रात में घरों से बाहर न निकलने और सतर्क रहने की सलाह दी है।

जंगली जानवर के हमले में बालिका की मौत के बाद अस्पताल में जमा भीड़