केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उईके बैलगाड़ी से सफर कर मध्य प्रदेश के बैतूल जिले में पहुंचे। जहां, उन्होंने बांचा गांव में ग्रामीण होम स्टे का शुभारंभ किया। गांव में पहुंचने पर उनका स्वागत पारंपरिक आदिवासी रीति-रिवाजों के साथ किया गया। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने ग्रामीण पर्यटन को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से ग्राम बांचा और बज्जरवाड़ा में होम स्टे का संचालन शुरू किया। इस पहल का उद्देश्य पर्यटकों को गांव की संस्कृति, परंपराओं और प्राकृतिक सौंदर्य से रूबरू कराना है।
बांचा गांव को सोलर विलेज के नाम से भी जाना जाता है। यह प्रदेश का पहला ऐसा गांव है, जहां पूरी तरह सौर ऊर्जा का उपयोग किया जाता है। इसे आदर्श गांव का दर्जा भी प्राप्त है। मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने इस गांव को ग्रामीण पर्यटन के केंद्र के रूप में विकसित करने के लिए यहां होम स्टे का निर्माण कराया है।
राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिलेगी
केंद्रीय राज्यमंत्री दुर्गादास उईके ने कहा कि बांचा सौर ऊर्जा से खाना बनाने वाला प्रदेश का पहला गांव है। होम स्टे के माध्यम से इसे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी। पर्यटक यहां आकर आदिवासी लोकनृत्य, लोकगीत, पारंपरिक पूजा-पाठ, बोली-भाषा और खेती-किसानी का अनुभव कर सकेंगे। पर्यटक यहां आदिवासी जीवन और परंपराओं का आनंद ले सकेंगे।
बांचा को टूरिज्म विलेज के रूप में पहचान
मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर ने कहा कि बांचा को सोलर विलेज और वॉटर विलेज के बाद अब टूरिज्म विलेज के रूप में भी पहचान मिलेगी। यह पहल पर्यटकों को ग्रामीण जीवन के करीब लाने का अवसर देगी। गांव की संस्कृति, पारंपरिक व्यंजन और प्राकृतिक सुंदरता यहां आने वाले पर्यटकों को आकर्षित करेंगी।
होम स्टे से मिलेगा ग्रामीण जीवन का अनुभव
स्थानीय निवासी अनिल उईके ने बताया कि होम स्टे के किराए को लेकर प्रक्रिया चल रही है। यहां आने वाले मेहमानों को पारंपरिक देशी भोजन और खेतों का अनुभव कराया जाएगा। वहीं, मध्य प्रदेश जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष मोहन नागर का कहना है कि बांचा अब सोलर विलेज और वॉटर विलेज के बाद टूरिज्म विलेज के रूप में भी जाना जाएगा। यहां पर्यटक गांव की सांस्कृतिक विरासत और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद ले सकेंगे।