जबलपुर जिले की आठ से दस उपार्जन सोसायटियों में खरीदी गई धान में शॉर्टेज पाई गई है। इस पर जिला कलेक्टर दीपक सक्सेना ने सख्त रुख अपनाते हुए जांच के निर्देश जारी किए हैं। जांच रिपोर्ट के आधार पर शॉर्टेज की गई धान की वसूली संबंधित व्यक्तियों से की जाएगी। इस दौरान यह सुनिश्चित किया जाएगा कि किसानों और शासन को किसी प्रकार का नुकसान न हो।
कलेक्टर सक्सेना ने बताया कि जिले में कुल 3 लाख 81 हजार मीट्रिक टन धान खरीदी गई है, जिसमें से अब तक 10 हजार मीट्रिक टन धान प्राप्त नहीं हुई है। इस धान में से कुछ ट्रांसपोर्टेशन में है, जबकि कुछ शॉर्टेज के रूप में सामने आई है। प्राथमिक जांच में पाया गया कि कुछ सोसायटियों में तौल के समय लापरवाही बरती गई, वहीं बारिश के कारण भी कुछ धान खराब हुई है। बारिश से खराब हुई धान को अपग्रेड करने के निर्देश पहले ही दिए जा चुके हैं।
कलेक्टर ने स्पष्ट किया कि बारिश से प्रभावित धान का उचित भुगतान किसानों को किया जाएगा, क्योंकि इसमें किसानों की कोई गलती नहीं है। वहीं, शॉर्टेज के कारण शासन को किसी प्रकार की हानि न हो, इसका भी ध्यान रखा जाएगा। शॉर्टेज की गई धान की वसूली संबंधित उपार्जन सोसायटियों से की जाएगी। उन्होंने कहा कि यह एक गंभीर मामला है और यदि कहीं फर्जी एंट्री पाई जाती है, तो उस पर भी सख्त कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि जिले में लगभग 51 हजार किसानों से 876 करोड़ रुपये की धान खरीदी गई है, जिसमें से अब तक 853 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष भुगतान भी जल्द पूरा किया जाएगा।