खंडवा जिले में बिहार से आकर बिना पुलिस को जानकारी दिए एक मस्जिद में इमामत करने के मामले में इमाम और मस्जिद कमेटी के सदर के खिलाफ मामला दर्ज किया गया था। इस पर AIMIM प्रमुख और हैदराबाद से सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को एक सभा में खंडवा एसपी को संविधान का आर्टिकल 19 पढ़ने की नसीहत दी थी। वहीं, अब खंडवा लोकसभा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने पलटवार करते हुए पुलिस की कार्रवाई का समर्थन किया है और ओवैसी को जाति-धर्म आधारित राजनीति करने वाला बताया है।ओवैसी ने हैदराबाद की सभा में कहा था कि खंडवा की यह कार्रवाई मुस्लिम होने की वजह से की गई है। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा था कि “धारा 223 बड़ी है या संविधान का आर्टिकल 19 बड़ा है।” ओवैसी ने इसे लोगों के मौलिक अधिकारों का हनन बताया था।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए खंडवा सांसद ज्ञानेश्वर पाटिल ने कहा कि प्रशासन ने जो कार्रवाई की है, वह नियमों के अनुसार है। उन्होंने ओवैसी को “आग में घी डालने वाला” बताते हुए आरोप लगाया कि वह जाति और धर्म के नाम पर राजनीति करते हैं। सांसद पाटिल ने कहा कि भाजपा सरकार और प्रशासन किसी के साथ अन्याय नहीं करता। उन्होंने ओवैसी को नसीहत दी कि अगर उन्हें कार्रवाई गलत लगती है तो कोर्ट का दरवाजा खुला है। अदालत में सच सामने आ जाएगा और न्याय होगा।
ये भी पढ़ें- Indore Road Accident: सड़क पर बिखरे थे कमाने वाले दस्ताने...अब कौन समेटेगा परिवार की खुशियां
यह था पूरा घटनाक्रम
बीते शनिवार (8 सितंबर) को खालवा थाना पुलिस को सूचना मिली कि ग्राम खारकला की मस्जिद में अख्तर रजा पिता बदरूद्दीन (निवासी बिहार) इमामत करने के लिए रह रहा है। पुलिस के अनुसार मस्जिद के सदर मोहम्मद हनीफ खान ने उसे नमाज पढ़ाने के लिए बुलाया था। पूछताछ में पता चला कि इमाम के रहने की जानकारी 72 वर्षीय मस्जिद सदर ने थाने में दर्ज नहीं कराई थी। पुलिस ने इसे जिला दंडाधिकारी द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का उल्लंघन माना और मस्जिद के इमाम व सदर दोनों के खिलाफ बीएनएसएस की धारा 223 के तहत मामला दर्ज कर लिया। इस कार्रवाई के बाद मुस्लिम समाज में नाराज़गी दिखी और स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने मामला ओवैसी तक पहुंचाया।
ये भी पढ़ें- MP News: MP में 18 IAS के ट्रांसफर, विशेष गढ़पाले ऊर्जा विभाग में सचिव, वंदना वैद्य वित्त निगम में एमडी बनीं
Next Article
Followed