बुंदेलखंड में सामंतवाद और जातिवाद का जहर अब फिजाओं में भी घुल चुका है। जहां पहले यह ग्रामीण अंचलों तक सीमित था। वहीं अब यह शहरीय स्तर पर अपने पैर पसार रहा। जातिवाद, भेदभाव और मतभेद की अपनी जड़ें मज़बूत करने लगा है, जिसकी बानगी छतरपुर शहर में देखने को मिली। जहां एक चाट वाले ने दलित युवक को चाट खिलाने (टिकिया पिलाने) से मना कर दिया और उससे दूरी बनाए रखने को कहा, ताकि वह उसके ठेले/दुकान को छू न ले, जिससे वह अछूत हो जाएगा।
जानकारी के मुताबिक, मामला छतरपुर शहर सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र के मऊ दरवाजा इलाके का है। जहां 42 वर्षीय अनिल बाल्मीकि (जो कि नगर पालिका में शहर की सफाई का काम करता है) चाट वाले के यहां चाट खाने और फुल्की/टिकिया पीने गया तो उसने पिलाने से मना कर दिया। उससे उसके ठेले/दुकान से दूर रहने को कहा, जब उसने कहा कि वह पैसे दे रहा है तो क्यों नहीं खिलाओगे, वह भी तो इंसान ही है।
इस पर दुकानदार जातिसूचक शब्द बोलते और गाली-गलौच करते हुए उसे भगाने लगा। इस बात का उसने विरोध किया तो दुकानदार ने अपना चाकू निकालकर हमला करने लगा। जब उसने अपने हाथों को आगे लाकर खुद का बचाव किया तो चाकू उसके दाए हाथ में लग गया, जिससे वह बुरी तरह घायल हो गया। उसके हाथ से भारी खून बहने लगा तो वह वक्त न गंवाते हुए तत्काल जिला अस्पताल भागा। जहां डॉक्टर ने उसका इलाज करते हुए ट्रॉमा सर्जिकल वार्ड में भर्ती कराया है, जहां उसका इलाज चल रहा है।
अग्रवाल चाट वाले ने मारी चाकू
घायल की माने तो वह अपने घर के ही पास ओमप्रकाश अग्रवाल चाट वाले के यहां चाट खाने (टिकिया पीने) गया हुआ था। हालांकि, वह नगर पालिका में सफाईकर्मी बतौर काम करता है, जिसके चलते चाट वाला भी उसे जानता है तो उसने मुझे गाली-गलौच करते हुए चाट खिलाने/पानी की टिकिया पिलाने से मना कर दिया था। जब मैंने न खिलाने की वजह पूछी तो उसने उसे अछूत बताकर खिलाने/पिलाने से मना कर दिया। ताकि वह और उसके ग्राहक छू न जाएं और इस बात का विरोध करने पर दुकानदार ने उस पर चाकू से हमला कर दिया। घायल होने पर वह कोतवाली नहीं सबसे पहले इलाज कराने अस्पताल आ गया। हालांकि, अब वह मामले की थाने में रिपोर्ट और कार्रवाई करने की बात कर रहा है।
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