दमोह जिले के तेजगढ़ थाना की इमलिया चौकी अंतर्गत आने वाले झापन में वन माफियाओं की दबंगई देखने मिली है। यहां एक साध्वी की कुटिया तोड़ने के साथ ही सागौन के पेड़ उखाड़े गए हैं। वन विभाग की भूमि पर यह कुटिया बनाई गई थी। इसके अलावा 45 वर्ष पुराने मंदिर को तोड़ने की साजिश का मामला सामने आया है। यह क्षेत्र रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के नौरादेही अंतर्गत आता है।
साध्वी उमादेवी उर्फ गौरा बाई लोधी ने बताया कि उसे वन विभाग ने जमीन दी थी, जिस पर छोटा सा मंदिर बना है। इसमें हनुमानजी और शिवजी विराजमान हैं। यहीं पर उसकी झोपड़ी बनी थी। जिसे खिलान सिंह और रामचरण आदिवासी ने तोड़ दी है। आरोप लगाते हुए साध्वी ने कहा भूमाफियों ने तहसीलदार और वन विभाग से मिलकर मंदिर को तोड़ने की योजना बनाई है। इससे पहले मंदिर के पास बने कच्चे कमरे की कुटी तोड़ दी गई और चार एकड़ भूमि में लगे सागौन के पेड़ों को जेसीबी से उखाड़ दिया गया। पेड़ों को नाले के पास मिट्टी में दबा दिया गया है।
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उन्होंने सवाल उठाया है कि वन भूमि का मामला होने के बावजूद राजस्व विभाग द्वारा कार्रवाई की जा रही है, लेकिन वन विभाग द्वारा कोई कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है। यह क्षेत्र तेजगढ़ थाना क्षेत्र की इमलिया चौकी के अंतर्गत झापन रेंज में आता है। सबसे बड़ी बात तो यह है यह एरिया रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के अंतर्गत आता है फिर जेसीबी यहां नहीं चल सकती है। रेंज कार्यालय और चेक पोस्ट भी सौ कदमों की दूरी पर है।
दमोह डीएफओ ईश्वर जरांडे ने बताया कि झापन रानी दुर्गावती टाइगर रिजर्व के नौरादेही में आती है। फिर भी में वहां के रेंज अधिकारियों से बात करता हूं कि आखिर किन लोगों द्वारा साध्वी की कुटिया को गिराया गया और सागौन के पेड़ों को उखाड़ गया है। संबंधित अधिकारी ही इस मामले की जांच करेंगे।
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