दमोह जिले के हटा थाना क्षेत्र में शिक्षक राजेश त्रिपाठी की संदिग्ध मौत के मामले में हटा पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है। इस मामले में एक आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र भट्ट को आर्थिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए उकसाने की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है। सोमवार को आरोपी को न्यायालय में पेश किया गया, जहां से उसे जेल भेज दिया गया। पुलिस जांच में यह सामने आया कि आरोपी ने शिक्षक को ब्लैकमेल कर लगभग 22 लाख रुपये वसूल लिए थे, वह पांच लाख और मांग कर रहा था।
दरअसल, 15 मई की रात सुनवाहा गांव निवासी शासकीय शिक्षक राजेश त्रिपाठी हटा से अपने गांव लौट रहे थे। इसी दौरान हारट और बरोदा के बीच नहर के पास वे जली हुई अवस्था में मिले। परिजनों ने आरोप लगाया कि शिक्षक के साथ चार लाख रुपये लूटने के बाद उन्हें जिंदा जला दिया गया। हालांकि, पुलिस जांच में पाया गया कि न तो कोई लूट हुई और न ही हत्या। मामला आत्महत्या का निकला। परिजनों से पूछताछ में पता चला कि शिक्षक करीब 30 लाख रुपये के कर्ज में डूबे हुए थे। पुलिस ने शिक्षक के मोबाइल की सीडीआर निकाली, जिसमें इटारसी निवासी आरटीआई कार्यकर्ता जितेंद्र भट्ट से लगातार बातचीत का पता चला। जांच में यह सामने आया कि भट्ट ने दमोह जिला पंचायत में मृतक शिक्षक की फर्जी डीएड डिग्री को लेकर शिकायत की थी।
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एक स्वतंत्र गवाह ने पुलिस को बताया कि जितेंद्र भट्ट ने शिक्षक को कई बार ब्लैकमेल किया और करीब 20-22 लाख रुपये वसूल लिए। अब वह पुनः कार्रवाई और एफआईआर का डर दिखाकर 5 लाख रुपये की मांग कर रहा था, जिससे शिक्षक मानसिक तनाव में आ गए थे। इसके बाद पुलिस ने इटारसी से आरोपी जितेंद्र भट्ट को गिरफ्तार कर लिया। आरोपी दमोह जिले के तेजगढ़ थाना अंतर्गत हर्रई गांव का निवासी है। आरोप है कि वह इसी तरह कई अन्य कर्मचारियों को भी ब्लैकमेल कर चुका है।
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हटा एसडीओपी प्रशांत सुमन ने बताया कि घटनास्थल के करीब एक टोल टैक्स है, जो लगभग एक किलोमीटर पहले स्थित है। टोल प्लाजा और हटा क्षेत्र के लगभग 200 सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली गई, लेकिन मृतक के पीछे कोई संदिग्ध व्यक्ति या वाहन नजर नहीं आया। मृतक की पत्नी और परिजनों ने बताया कि घटना की शाम 7:30 बजे शिक्षक ने घर से यह कहकर निकले थे कि उन्हें हटा में प्यासी जी के यहां शादी में जाना है। जांच में यह बात भी असत्य निकली।
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साथ ही घटना वाले दिन सोशल मीडिया पर यह खबर प्रसारित हुई थी कि दमोह में पदस्थ 40 शिक्षकों के खिलाफ एफआईआर के आदेश जारी किए गए हैं। जानकारी में यह भी आया कि मृतक शिक्षक के खिलाफ भी जनवरी 2025 में जिला पंचायत सीईओ के पास फर्जी डीएड मार्कशीट पर नौकरी करने की शिकायत दर्ज कराई गई थी। जांच से यह स्पष्ट हुआ कि आरोपी जितेंद्र भट्ट वर्ष 2018 से ही शिक्षक को लगातार ब्लैकमेल कर रहा था और अब पुनः पांच लाख रुपये की मांग कर रहा था। पुलिस ने आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है और अपील की है कि यदि किसी अन्य शिक्षक को भी ब्लैकमेल कर पैसा वसूला गया है, तो वे आगे आकर अपनी शिकायत दर्ज कराएं।