देवास नगर निगम की परिषद की बैठक में बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। बैठक के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष—दोनों के पार्षदों ने निगम अधिकारियों पर अपने-अपने वार्डों में विकास कार्य न होने के गंभीर आरोप लगाए। बैठक में शहर के आगामी विकास कार्यों पर चर्चा की जानी थी, लेकिन वार्डों में काम न होने की शिकायतों को लेकर माहौल गर्माता चला गया।
पार्षद रितु सावनेर ने अनोखे तरीके से विरोध दर्ज कराया — वे जूते की माला पहनकर परिषद की बैठक में पहुंचीं। उन्होंने बताया कि उनके वार्ड में कोई विकास कार्य नहीं हो रहे हैं और वार्डवासियों ने विरोध स्वरूप उन्हें जूते-चप्पल पहनने की बात कही थी, इसलिए उन्होंने यह कदम उठाया। बैठक के दौरान शहर में सड़क, पानी और सफाई जैसी समस्याओं को लेकर भी पार्षदों ने अपना विरोध प्रकट किया। करीब तीन घंटे तक चली परिषद की बैठक हंगामेदार रही। इस पूरे घटनाक्रम पर महापौर गीता अग्रवाल और नगर निगम परिषद के सभापति रवि जैन ने नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि यदि वार्ड से संबंधित कोई समस्या थी, तो उसे अधिकारियों के साथ चर्चा के माध्यम से सुलझाया जाना चाहिए था। महापौर ने कहा कि परिषद की बैठक में इस तरह से जूते की माला पहनकर आना अनुचित व्यवहार है और यह परिषद की गरिमा के विपरीत है।
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कांग्रेस पार्षदों में लगाया भेदभाव का आरोप
नगर निगम परिषद की बैठक नगर निगम के सभा कक्ष में आयोजित हुई, जहां भाजपा की पार्षद कांग्रेस के पार्षद भी मौजूद रहे। कांग्रेस के पार्षद दीपेश कानूनगो वार्ड के समस्याओं को लेकर अपनी बात रखी। इस दौरान भाजपा पार्षद और कांग्रेस के पार्षद के बीच बहसबाजी शुरू हो गई। कांग्रेस के पार्षद का कहना था कि पहले भी हम कई बार परिषद की बैठक में अपने प्रश्न लगा चुके हैं, लेकिन अभी तक उनका कोई निराकरण नहीं हो रहा है। वार्डों की समस्या अभी भी ऐसी ही बनी हुई है जिस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
नगर निगम परिषद बैठक में कई योजनाओं पर प्रस्ताव पारित
नगर निगम परिषद की बैठक में विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई। सभापति जैन द्वारा रखे गए प्रमुख प्रस्तावों में नर्मदा–क्षिप्रा बहुउद्देशीय परियोजना की पाइपलाइन से नगर निगम के क्षिप्रा डेम में 10 मिलियन घनमीटर पानी उपलब्ध कराने का प्रस्ताव प्रमुख रहा। वर्तमान में क्षिप्रा डेम से पेयजल हेतु एन.वी.डी.ए. के माध्यम से लगभग 9.12 एम.सी.एम. पानी लिया जाता है। फिलहाल क्षिप्रा नदी पर 15 एम.एल.डी. और 22 एम.एल.डी. के दो वाटर ट्रीटमेंट प्लांट संचालित हैं, वहीं अमृत 2.0 योजना के अंतर्गत 30 एम.एल.डी. का एक नया प्लांट क्षिप्रा नदी के किनारे बनाया जा रहा है।
इन सभी प्लांटों के लिए प्रतिवर्ष लगभग 25.55 एम.सी.एम. पानी की आवश्यकता होगी। वर्षा ऋतु में क्षिप्रा डेम पर लगभग 5.55 एम.सी.एम. पानी प्राकृतिक रूप से प्राप्त होता है, जबकि एन.वी.डी.ए. बड़वा से प्रति वर्ष 9.12 एम.सी.एम. पानी आरक्षित है। भविष्य की आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए देवास शहर के लिए 10 एम.सी.एम. अतिरिक्त पानी की जरूरत होगी। नर्मदा–क्षिप्रा परियोजना की पाइपलाइन क्षिप्रा डेम से लगभग 800 मीटर दूरी पर गुजरती है। प्रस्ताव में कहा गया कि इस पाइपलाइन से टेपिंग कर क्षिप्रा डेम में पानी उपलब्ध कराया जा सकता है। यह प्रस्ताव ध्वनिमत से पारित किया गया।
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देवास में एम्यूजमेंट पार्क का प्रस्ताव
सभापति जैन ने बताया कि वर्तमान में देवास नगर निगम सीमा क्षेत्र में बच्चों के मनोरंजन हेतु कोई एम्यूजमेंट पार्क नहीं है, जबकि शहर की आबादी लगभग 3.50 लाख है। प्रस्ताव दिया गया कि टाटा चौराहे के पास स्थित रिक्त भूमि पर पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मोड पर एक आधुनिक एम्यूजमेंट पार्क विकसित किया जाए, जिसमें झूले, फूड ज़ोन, फेरी राइड आदि की व्यवस्था हो। पीपीपी मोड में निर्माण होने से नगर निगम को कोई अतिरिक्त व्यय नहीं करना पड़ेगा, बल्कि इससे राजस्व आय में वृद्धि होगी और नागरिकों को मनोरंजन का नया केंद्र मिलेगा। यह प्रस्ताव भी नेता सत्तापक्ष मनीष सेन और अन्य पार्षदों के समर्थन से ध्वनिमत से पारित किया गया।
अन्य पारित प्रस्ताव
- समंदडिया ब्रदर्स द्वारा पुराने नगर निगम भवन क्षेत्र में किए जा रहे पुनर्घनत्वीकरण कार्य को रोकने का प्रस्ताव।
- वार्ड 26, खेडापति होटल के सामने स्थित उद्यान में लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा स्थापित करने और उद्यान का नाम उनके नाम पर रखने का निर्णय।
- शिवाजी नगर (वार्ड 26) स्थित शिवाजी उद्यान में छत्रपति शिवाजी महाराज की अर्ध-प्रतिमा स्थापित करने का प्रस्ताव।
- विकास नगर में सोनी डिस्क के सामने स्थित गार्डन को गोद लेकर उसका नामकरण तथा सहस्त्रबाहु अर्जुन की प्रतिमा स्थापना का प्रस्ताव।
- दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों के विनियमितीकरण से संबंधित प्रस्ताव।
- बीमा रोड पर महर्षि गौतम द्वार का निर्माण।
- वर्ष 2016 से पूर्व से कार्यरत दैनिक वेतनभोगी कर्मचारियों को 29 दिवस के स्थान पर 89 दिवस की कार्य स्वीकृति देने का प्रस्ताव।
- देवास रेलवे स्टेशन की ओर निर्मित माताजी टेकरी पथ मार्ग पर बने द्वार का नामकरण “श्री स्वामी विष्णुतीर्थ द्वार” के नाम पर करने का प्रस्ताव।