धार जिले के मांडव में आयोजित मध्यप्रदेश कांग्रेस के दो दिवसीय नव संकल्प शिविर का आज समापन हो गया। शिविर के समापन से पहले सभी विधायकों और नेताओं ने संविधान की प्रस्तावना की शपथ ली। इस मौके पर नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मीडिया से मुखातिब होते हुए कहा कि यह दो दिन किसी समापन का नहीं, बल्कि कांग्रेस के नवयुग के संकल्प की शुरुआत का प्रतीक हैं।
नव संकल्प शिविर से नए युग की शुरुआत
सिंघार ने कहा कि कांग्रेस अब सिर्फ अतीत पर चर्चा नहीं कर रही है, बल्कि भविष्य की ठोस रूपरेखा तैयार कर रही है। मांडव की ऐतिहासिक धरती से कांग्रेस ने यह संकल्प लिया है कि वह मध्यप्रदेश की तक़दीर बदलने के लिए निर्णायक लड़ाई लड़ेगी। उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ निर्णायक संघर्ष, किसानों को आय का अधिकार, 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण सुनिश्चित करने, युवाओं को रोज़गार और स्टार्टअप्स के लिए समर्थन, दलित-आदिवासियों और वंचित तबकों को उनका अधिकार दिलाने तथा महिलाओं की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की बात कही।
नेता प्रतिपक्ष ने यह भी कहा कि कांग्रेस ने अब लड़ने और जीतने का मन बना लिया है। शिविर के दौरान विधायकों में नई ऊर्जा और स्पष्ट रणनीति का संचार हुआ है, जिसे प्रदेशभर में संवाद और जनसंपर्क अभियानों के जरिए आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने इसे कांग्रेस के वैचारिक नवचिंतन की शुरुआत बताया।
हाईकमान का मार्गदर्शन बना ताकत
सिंघार ने बताया कि यह नव संकल्प एक विचार मात्र नहीं, बल्कि संगठनात्मक रूप से इसे जमीन पर उतारने की ताकत कांग्रेस हाईकमान के समर्थन से मिली है। उन्होंने राहुल गांधी, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, केसी वेणुगोपाल, हरीश चौधरी और प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के मार्गदर्शन को पार्टी के लिए संबल बताया। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि शिविर कोई औपचारिक बैठक नहीं थी, बल्कि यह पार्टी के भीतर नई ऊर्जा और दिशा देने वाला एक साझा संकल्प था।
राहुल गांधी ने वर्चुअल माध्यम से किया संबोधन
लोकसभा के मानसून सत्र की व्यस्तताओं के बावजूद राहुल गांधी ने मांडव शिविर के पहले दिन कांग्रेस कार्यकर्ताओं को वर्चुअली संबोधित किया। उन्होंने कहा कि सरकार चुनिंदा पूंजीपतियों के पक्ष में लोकतांत्रिक संसाधनों का दुरुपयोग कर रही है और लोकतंत्र की संस्थाओं को कमजोर किया जा रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की जनकल्याणकारी योजनाओं को रीब्रांड कर कमजोर किया जा रहा है, जबकि धर्म और जाति के नाम पर समाज को बांटकर असल मुद्दों से ध्यान हटाया जा रहा है। उन्होंने ओबीसी, एससी, एसटी और ईडब्ल्यूएस वर्गों के लिए योजनाएं बनाने पर बल दिया और मध्यप्रदेश कांग्रेस को हरसंभव सहयोग का भरोसा दिलाया। उन्होंने यह भी कहा कि जिस तरह महाराष्ट्र में जनादेश की चोरी हुई, वैसी ही साजिश मध्यप्रदेश में भी की गई थी।
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जनहित के मुद्दों पर हुआ गहन मंथन
शिविर के दौरान कांग्रेस विधायकों को छह समूहों में बांटा गया और प्रत्येक समूह ने जनहित से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर मंथन किया। चर्चाओं में जातिगत जनगणना, 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण, वन अधिकार कानून, पेसा एक्ट, कांग्रेस का जमीनी विस्तार, सामाजिक संगठनों और स्व-सहायता समूहों से संवाद जैसे विषय प्रमुख रहे।
भाजपा पर कांग्रेस का सीधा हमला
शिविर की सफलता को लेकर उमंग सिंघार ने भाजपा पर तीखा हमला करते हुए कहा कि कांग्रेस की एकता और रणनीतिक तैयारी से भाजपा घबरा गई है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पंचमढ़ी में हनीमून मनाया था, जबकि कांग्रेस ने मांडव में जनसंकल्प लिया है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस विधानसभा में भाजपा की विफल योजनाओं और भ्रष्टाचार की परतें जरूर खोलेगी, लेकिन नव संकल्प शिविर का उद्देश्य इससे कहीं बड़ा और दूरगामी है। यह शिविर कांग्रेस की सांगठनिक और वैचारिक तैयारी है, जो भाजपा की जड़ें हिला सकती है।
रणनीतिक दस्तावेज तैयार, संवाद की रणनीति तय
सिंघार ने बताया कि इस शिविर के दौरान मध्यप्रदेश कांग्रेस ने एक रणनीतिक दस्तावेज तैयार किया है, जो आगामी राजनीतिक रणनीतियों, जनसंपर्क अभियानों और संगठन विस्तार का आधार बनेगा। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार में कमीशन और घोटालों की बाढ़ आई हुई है। किसान खाद के लिए भटक रहे हैं, युवा बेरोजगारी से त्रस्त हैं, महिलाएं असुरक्षित हैं और महंगाई दिन-ब-दिन बढ़ रही है। एससी-एसटी पर अत्याचार हो रहे हैं, इसलिए कांग्रेस ने तय किया है कि हर वर्ग से संवाद स्थापित कर उनकी हक और अधिकार की लड़ाई को मजबूती से लड़ा जाएगा।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस का तेलंगाना मॉडल अब मध्यप्रदेश के गांव-गांव तक पहुंचेगा और जातिगत जनगणना को लेकर राहुल गांधी का विजन एक बार फिर सही साबित हुआ है। आदिवासी विस्थापन और कार्पोरेट शोषण के खिलाफ कांग्रेस वन अधिकार कानून और पेसा एक्ट को वास्तविकता में लागू करने के लिए प्रतिबद्ध है।
शिविर में वरिष्ठ नेताओं के प्रेरक संबोधन
शिविर में कांग्रेस सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख सुप्रिया श्रीनेत, कोषाध्यक्ष अजय माकन, प्रदेश प्रभारी हरीश चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने विधायकों और पदाधिकारियों को संबोधित किया।
सुप्रिया श्रीनेत ने कहा कि कांग्रेस को अपनी सोशल मीडिया रणनीति को धार देनी होगी। उन्होंने कहा कि "जो दिखता है, वही बिकता है" की तर्ज पर हमें काम भी करना है और उसे दिखाना भी है। उन्होंने सभी डिजिटल प्लेटफार्म की उपयोगिता समझाते हुए कहा कि यह समय है जब सोशल मीडिया कांग्रेस की आवाज बन सकता है, झूठ और दुष्प्रचार के खिलाफ हथियार की तरह।
वहीं, अजय माकन ने वर्चुअल माध्यम से कहा कि कांग्रेस केवल एक राजनीतिक दल नहीं, बल्कि एक विचारधारा है। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा संविधान को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। कांग्रेस ही वह पार्टी है जिसने देश को लोकतांत्रिक संविधान दिया और समाज के कमजोर वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने का काम किया।
उमंग सिंघार ने कहा कि कांग्रेस हमेशा गरीबों और शोषितों की आवाज बनकर खड़ी रही है। उन्होंने पार्टी कार्यकर्ताओं से आह्वान किया कि उन्हें गरीबों के बीच जाकर उनका दर्द समझना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को अब यह भ्रम छोड़ देना चाहिए कि संगठन व्यक्ति विशेष के अनुसार चले, बल्कि संगठन को सर्वोपरि मानते हुए काम करना होगा।
हरीश चौधरी ने कहा कि शिविर में लिए गए संकल्पों और समूह चर्चा के निष्कर्षों को गांव-गांव तक पहुंचाना हमारी प्राथमिकता होगी। उन्होंने कहा कि भाजपा अक्सर मुद्दों से भागती है, लेकिन कांग्रेस को जनमुद्दों को विधानसभा से लेकर सड़क तक मजबूती से उठाना होगा।
प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने कहा कि कांग्रेस को संगठित रहकर, सभी वर्गों के हितों को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ना होगा। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा ओबीसी, एससी, एसटी और सामान्य वर्ग के अधिकारों के लिए प्रतिबद्ध रही है, और राहुल गांधी हर वर्ग की आवाज उठाते हैं।
नव संकल्प से कांग्रेस की नई रणनीति
इस दो दिवसीय शिविर में कांग्रेस ने स्पष्ट संकेत दिया है कि वह आगामी चुनावों के लिए पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरने वाली है। विचार और संगठनात्मक दृढ़ता के साथ अब कांग्रेस जनता से सीधे संवाद और जनसंपर्क की ओर बढ़ रही है। मांडव से उठी इस राजनीतिक हुंकार ने यह जता दिया है कि कांग्रेस अब भविष्य की ठोस लड़ाई के लिए पूरी तरह तैयार है
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