कोटा के हाड़ौती अंचल में बीते कुछ दिनों की भारी बारिश के बाद नदियों और नालों का जलस्तर बढ़ गया है। इससे जलीय जीव आबादी क्षेत्रों में आ घुसे हैं। इसी सिलसिले में कोटा जिले के इटावा कस्बे में एक करीब छह फीट लंबे और 50 किलो वजनी मगरमच्छ के आबादी क्षेत्र में पहुंचने की खबर से हड़कंप मच गया। मगरमच्छ स्कूल के पास पहुंच गया था, जहां समय रहते ग्रामीणों और पर्यावरण प्रेमी हयात खान की सूझबूझ से उसकी जान बचाई गई और उसे सुरक्षित चंबल नदी में छोड़ दिया गया।
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स्कूल के पास नजर आया मगरमच्छ, वन विभाग को दी गई सूचना
पर्यावरण प्रेमी हयात खान ने बताया कि इटावा कस्बे के बंजारी की तलाई से एक ड्रेन के जरिए मगरमच्छ बहकर स्कूल के पास तक पहुंच गया था। स्थानीय लोगों ने जब मगरमच्छ को देखा तो तुरंत हयात को सूचना दी, जिन्होंने बिना समय गंवाए रेस्क्यू की शुरुआत की। साथ ही वन विभाग को भी इस बारे में सूचित किया गया।
ड्रेन और खेतों में हुई रेस्क्यू की मशक्कत
रेस्क्यू की प्रक्रिया आसान नहीं थी। मगरमच्छ पहले एक 100 फीट लंबी ड्रेन में घुस गया, जहां से निकलकर वह एक खेत में चला गया। उसे काबू में करने के लिए ग्रामीणों और हयात को काफी मेहनत करनी पड़ी। तेज दौड़, फिसलन और मगरमच्छ की फुर्ती के बावजूद टीम ने अंततः उसे पकड़ लिया। मुंह बांधने के बाद हयात खान ने मगरमच्छ को अपने कंधे पर उठाया और उसे इटावा रेंज ऑफिस ले जाया गया, जहां से उसे चंबल नदी के किनारे ले जाकर छोड़ा गया।
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फोटो और वीडियो हुए वायरल
मगरमच्छ को कंधे पर उठाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने का यह दृश्य देखकर ग्रामीण भी चकित रह गए। कई लोगों ने हयात के साथ फोटो खिंचवाए और वीडियो बनाए, जो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहे हैं। हयात खान की इस मुहिम को सोशल मीडिया पर काफी सराहना मिल रही है।