जिले के बजाग तहसील क्षेत्र में बीते कुछ दिनों से लगातार हो रही भारी बारिश के चलते चकरार नदी उफान पर है। शनिवार सुबह नदी में जलस्तर इतना बढ़ गया कि बजाग से बिजौरा जाने वाले मुख्य मार्ग पर स्थित पुल के ऊपर से पानी बहने लगा। इस कारण न केवल क्षेत्र का यातायात पूरी तरह से प्रभावित हुआ, बल्कि कई ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर बाढ़ग्रस्त पुल पार करते हुए देखा गया।स्थानीय प्रशासन द्वारा अभी तक मार्ग को पूरी तरह बंद करने या वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था करने के कोई पुख्ता कदम नहीं उठाए गए हैं। इस लापरवाही का खामियाजा ग्रामीणों को भुगतना पड़ रहा है। वीडियो और तस्वीरों में स्पष्ट देखा जा सकता है कि कैसे ग्रामीण आवश्यक कार्यों या दैनिक जरूरतों के लिए अपनी जान हथेली पर रखकर पानी से लबालब पुल को पार कर रहे हैं।
चकरार नदी का यह पुल बजाग तहसील को बिजौरा, समेत आसपास के करीब आधा दर्जन गांवों से जोड़ता है। नदी के उफान पर आने से इन सभी गांवों का तहसील मुख्यालय बजाग से सीधा संपर्क टूट गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि जल्द ही स्थिति को नियंत्रित नहीं किया गया या प्रशासन ने त्वरित कदम नहीं उठाए, तो किसी बड़ी दुर्घटना से इनकार नहीं किया जा सकता।
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ग्रामीणों ने बताया कि यह समस्या हर साल बारिश के मौसम में आती है, लेकिन प्रशासन की तरफ से आज तक इस दिशा में स्थायी समाधान नहीं किया गया है। पुल की ऊंचाई कम होने के कारण हर बार चकरार नदी में पानी बढ़ते ही संपर्क मार्ग बाधित हो जाता है। स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सामाजिक संगठनों ने भी प्रशासन से मांग की है कि ऐसे संवेदनशील स्थानों पर स्थायी समाधान हेतु पक्के पुल निर्माण या ऊंचाई बढ़ाने जैसे कार्यों की योजना जल्द बनाई जाए।
बजाग जनपद पंचायत के अधिकारियों से संपर्क करने पर उन्होंने कहा कि मौके पर निगरानी रखी जा रही है और संबंधित विभाग को स्थिति से अवगत कराया गया है, लेकिन जब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक ग्रामीणों की सुरक्षा भगवान भरोसे ही है। यह प्राकृतिक आपदा एक बार फिर यह सोचने पर मजबूर कर रही है कि बुनियादी ढांचे की अनदेखी और प्रशासनिक लापरवाही किस तरह आम लोगों की जान को खतरे में डाल रही है।