जिला कार्यालय पर आशा एवं आशा पर्यवेक्षक (ASHA Workers & Supervisors) इन दिनों भारी आर्थिक संकट से जूझ रही हैं। विभागीय लापरवाही के कारण उन्हें पिछले तीन-तीन महीनों से वेतन एवं प्रोत्साहन राशि का भुगतान नहीं किया गया है। दीपावली जैसे महत्वपूर्ण त्योहार के अवसर पर भी भुगतान न होने से आशा कार्यकर्ताओं में गहरा आक्रोश है।
आशा संगठन से मिली जानकारी के अनुसार हर वर्ष की तरह इस बार भी विभाग भुगतान में देरी का कारण “बजट की कमी” और “सॉफ्टवेयर बदलाव” जैसे बहाने बताता रहा है। इसके चलते हजारों आशा कार्यकर्ताओं की मेहनत की कमाई अटकी हुई है। संगठन ने आरोप लगाया है कि भुगतान प्रणाली में अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के चलते कई बार राशि की रिकवरी तो विभाग कर लेता है, पर वह राशि आशाओं को नहीं दी जाती।
आशा कार्यकर्ताओं का कहना है कि वे दिन-रात स्वास्थ्य सेवाओं में जुटी रहती हैं प्रसव, टीकाकरण, सर्वेक्षण और जनजागरूकता अभियानों में लगातार योगदान देती हैं। फिर भी उनके भुगतान को लेकर विभाग गंभीर नहीं है। रक्षाबंधन और दीपावली जैसे त्योहारों पर भी उन्हें आर्थिक राहत नहीं मिल पाई है। राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन में आशा और पर्यवेक्षकों को “शहीद योजना कर्मी” और “श्रमिक” का दर्जा देने का निर्णय लिया गया था, लेकिन अब तक राज्य सरकार ने उन्हें न्यूनतम वेतन और सामाजिक सुरक्षा योजनाओं का लाभ नहीं दिया है।
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ये है मांगें
	- सभी बकाया वेतन एवं प्रोत्साहन राशि का तुरंत भुगतान किया जाए।
 
	- केंद्र सरकार द्वारा बढ़ाई गई ₹1500 की राशि का एरियर सहित भुगतान हो।
 
	- प्रत्येक माह की पांच तारीख तक नियमित भुगतान सुनिश्चित किया जाए।
 
	- वेतन भुगतान की स्लिप दी जाए।
 
	- 29 जुलाई 2023 को घोषित ₹1000 वार्षिक वृद्धि का एरियर सहित भुगतान किया जाए।
 
	- कार्य के दौरान दुर्घटना में घायल आशा को ₹5 लाख व मृत्यु की दशा में परिवार को ₹10 लाख मुआवजा दिया जाए।
 
	- किसी भी शिकायत पर निष्पक्ष जांच के बाद ही कार्यमुक्त किया जाए।
 
	- सभी डिलीवरी प्वाइंट्स पर आशा रेस्ट रूम की व्यवस्था हो।
 
	- शिक्षा हेतु आशा कल्याणकारी योजना की राशि का तत्काल भुगतान किया जाए।
 
	- प्रतिवर्ष विभागीय स्तर पर “आशा दिवस” या “आशा सम्मेलन” आयोजित किया जाए।
 
आंदोलन की घोषणा
संगठन ने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगों का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो 17 नवंबर 2025 से जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे का “महा पड़ाव” शुरू किया जाएगा। इसके बाद NHM कार्यालयों पर अनिश्चितकालीन हल्ला बोल प्रदर्शन किया जाएगा। आशा संगठन ने मुख्यमंत्री, स्वास्थ्य मंत्री एवं मिशन संचालक से तत्काल हस्तक्षेप की मांग की है, ताकि आशा और पर्यवेक्षकों को उनका बकाया भुगतान शीघ्र मिल सके और त्योहारों से पहले उन्हें राहत प्रदान की जा सके।