जिले में सिंचाई विभाग की लापरवाही एक बार फिर किसानों के लिए भारी साबित हुई है। ग्राम खेड़ा सहित आसपास के कई गांवों में नहरों के ओवरफ्लो होने से खेत जलमग्न हो गए हैं और तालाब जैसे दिखाई दे रहे हैं। इसके चलते किसानों की बोई हुई फसलें पूरी तरह बर्बाद हो चुकी हैं। लगातार बारिश और नहरों की सफाई न होने के कारण पानी की निकासी रुक गई है, जिससे खेतों में पानी भर गया है। किसानों का कहना है कि उन्होंने कई बार विभाग को शिकायत की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
खेड़ा समेत करीब चार से पांच गांव इस स्थिति से प्रभावित बताए जा रहे हैं। किसानों ने बताया कि उनके खेतों में इतना पानी भर गया है कि पूरी बोवनी खराब हो गई। फसलों में सड़न शुरू हो चुकी है और अब अगली फसल की तैयारी पर भी संकट मंडरा रहा है। एक किसान ने बताया कि विभाग को बार-बार फोन किया गया लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया।
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किसानों ने अब प्रशासन से मुआवजे की मांग की है और जल्द से जल्द खेतों से पानी निकासी की व्यवस्था करने की अपील की है। उनका कहना है कि सिंचाई विभाग ने समय पर नहरों की सफाई और देखरेख की होती तो यह स्थिति नहीं बनती। खेतों में लंबे समय तक पानी भरे रहने से फसलें पूरी तरह नष्ट हो गई हैं और किसानों को भारी आर्थिक नुकसान झेलना पड़ रहा है।
अब देखने वाली बात यह है कि सिंचाई विभाग इस लापरवाही पर क्या कदम उठाता है और प्रभावित किसानों को उनके नुकसान की भरपाई कब तक मिलती है।