सात राज्यों में फैली सत्यकाम फाउंडेशन पर धोखाधड़ी के गंभीर आरोप लगे हैं। प्रदेशभर के विभिन्न जिलों से कटनी पहुंचे शिकायतकर्ताओं ने कलेक्टर और एसपी को आवेदन सौंपकर कंपनी के विरुद्ध एफआईआर दर्ज करने और उनकी जमा राशि वापस दिलाने की मांग की है।
बिहार के मधुबनी जिले से संचालित सत्यकाम फाउंडेशन कंपनी पर लोगों को लोन दिलाने और जमा पैसों पर 15 प्रतिशत ब्याज देने का झांसा देकर करोड़ों रुपये हड़पने का मामला सामने आया है। इस कंपनी की ट्रेनिंग एनकेजे थाना क्षेत्र के जुहली बायपास स्थित सत्यकाम फाउंडेशन ट्रस्ट में कराई जाती थी। पहले महिलाओं के समूह बनाकर उनसे साप्ताहिक राशि जमा करवाई गई और फिर डेढ़ साल में 15 प्रतिशत ब्याज सहित रकम रिफंड करने का आश्वासन दिया गया। लोगों को विश्वास में लेने के लिए कटनी सहित प्रदेशभर के युवाओं को नौकरी का लालच देकर संभागीय और जिलास्तर की नौकरियों के नाम पर 75 हजार रुपये जमा कराए गए और ट्रेनिंग दी गई। यह प्रक्रिया करीब एक साल तक चली, लेकिन जब भुगतान का समय आया, तो कंपनी ने सिर्फ पहले माह की सैलरी दी और फिर अचानक गायब हो गई।
धोखाधड़ी का एहसास तब हुआ जब निवेशकों को ऑफिस में ताले लगे मिले। इसके बाद कटनी, जबलपुर, छिंदवाड़ा, बालाघाट, मंडला, पन्ना, बैतूल सहित प्रदेशभर से आधा सैकड़ा से अधिक लोग कटनी पहुंचे और कलेक्टर दिलीप यादव व एसपी अभिजीत रंजन से शिकायत दर्ज कराकर एफआईआर की मांग की। श्योपुर जिले से पहुंचे रूप सिंह जाटव ने बताया कि सुरक्षा निधि के नाम पर उनसे 50 से 75 हजार रुपये जमा कराए गए थे, जिसे 18 माह में ब्याज सहित लौटाने का वादा किया गया था। लेकिन 24 महीने बीत जाने के बावजूद कोई राशि वापस नहीं मिली। उन्होंने कई बार शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
छिंदवाड़ा से आई सोनाली अहिरवार ने बताया कि उन्होंने हजारों महिलाओं को जोड़कर करीब 400 समूह बनाए थे, जिनमें साप्ताहिक राशि जमा करवाई गई। अब कंपनी पैसे नहीं लौटा रही, जिससे महिलाएं उनके घरों में दबाव बना रही हैं। ऐसा ही हाल सातों राज्यों के अन्य जिलों में भी है, जहां व्यापक स्तर पर फर्जीवाड़ा हुआ है।
गौरतलब है कि सत्यकाम फाउंडेशन बिहार के मधुबनी जिले से शुरू हुई थी और धीरे-धीरे सात राज्यों में फैल गई। कटनी जिले में कंपनी का संचालन अजय कुमार और अखिलेश केवट कर रहे थे। जब कामगारों ने भुगतान को लेकर सवाल उठाए, तो उन्हें धमकाया गया और झूठे मामले में फंसाने की चेतावनी दी गई।
इस घोटाले के उजागर होने के बाद कटनी प्रशासन सवालों के घेरे में आ गया है कि आखिर सत्यकाम फाउंडेशन को इतने बड़े स्तर पर कारोबार करने की अनुमति कैसे मिली। हालांकि, जिला प्रशासन की ओर से अपर कलेक्टर साधना परस्ते ने कहा कि सत्यकाम फाउंडेशन के विरुद्ध शिकायत मिली है और जल्द ही इसकी जांच कर एफआईआर दर्ज कराई जाएगी। कटनी के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष कुमार डेहरिया ने बताया कि पहले भी थाने स्तर पर शिकायत हुई थी, लेकिन कार्रवाई नहीं हुई। इस मामले की जांच नवागत थाना प्रभारी अनिल कुमार यादव को सौंपी गई है और 24 घंटे के भीतर एफआईआर दर्ज कर आरोपियों की गिरफ्तारी का प्रयास किया जाएगा।