देश भर में इस बार दो अमावस्या मनाई जा रही है। शनिवार को शनिश्चिरी अमावस्या थी, जिसे श्राद्ध अमावस्या के रूप में मनाया गया। वहीं, अब अगले दिन रविवार को दूसरी स्नान दान अमावस्या मनाया जाना है। इस दौरान शनिवार को मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की धार्मिक तीर्थनगरी ओंकारेश्वर में रोजाना के मुकाबले दो से तीन गुना अर्थात करीब पचास हजार से अधिक भक्तों ने भगवान ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन किए हैं और इनमें से ही हजारों लोगों ने पवित्र नर्मदा में भी स्नान लाभ लिया है। बता दें कि इस दौरान नगर के संगम घाट, कोटि तीर्थ घाट, नागर घाट, चक्र तीर्थ घाट के साथ ही ब्रह्मपुरी घाट पर भक्तों की भारी भीड़ रही, जो कि यहां नर्मदा स्नान लाभ के लिए आए हुए थे।
वहीं, अब अगले दिन रविवार को तीर्थनगरी ओम्कारेश्वर में स्नानदान की अमावस्या मनाया जाना है। इस अमावस्या के साथ-साथ रविवार का छुट्टी वाला दिन होने के चलते भी करीब पचास हजार से अधिक श्रद्धालुओं के रविवार को ओंकारेश्वर पहुंचने की संभावना है। हालांकि, इस दौरान जिला प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध कर रखे हैं। वहीं, खंडवा कलेक्टर अनूप सिंह भी शनिवार को दलबल सहित ओंकारेश्वर पहुंचे थे। जहां उन्होंने श्रद्धालुओं के लिए की जा रही व्यवस्थाओं का जायजा लिया। हालांकि, यहां बड़ी संख्या में पहुंच रहे बाबा ओंकार के भक्तों के अनुसार मंदिर के गर्भगृह में दर्शन की व्यवस्था को सुधारा जाना बेहद जरूरी है, जिससे सभी को तेजी से दर्शन हो सकें।
लगाई जा रही स्टील की डिवाइडर रेलिंग
ज्योतिर्लिंग तीर्थ नगरी ओंकारेश्वर में भक्तों की आये दिन लगातार बढ़ती जा रही संख्या को देखते हुए मंदिर ट्रस्ट द्वारा बढ़ चौक से लेकर मंदिर तक के क्षेत्र में बाजार एरिया में डिवाइडर के रूप में स्टील की रेलिंग लगाने का कार्य किया जा रहा है। आशंका जताई जा रही है कि इससे भक्तगण सुरक्षित रूप से कतार से चलते हुए अब रेलिंग में ही चलेंगे। इस दौरान होने वाली धक्का-मुक्की भी इससे रुक सकेगी और भक्त दो दो या तीन तीन की लाइन बना कर चल सकेंगे। वहीं, हर दस फीट पर गेट बनाये जा रहे हैं, जिससे यदि किसी भक्त को लाइन से बाहर आना है तो वह आसानी से बाहर भी निकल सकेगा। यही नहीं, लाइन समाप्त होने या भीड़ कम होने पर ये सभी गेट खोल दिए जायेंगे, जिससे यहां मौजूद भक्त दोनों और से चल सकेंगे और आसानी से दुकानों पर भी जा सकेंगे।

ओंकारेश्वर में दर्शन व्यवस्था में सुधार के लिए लगाई जा रही रेलिंग

दर्शन व्यवस्था में सुधार