मध्य प्रदेश के खरगोन नगर में एक गोवंश के खुले सेफ्टी टैंक में गिरने से हुई मौत के बाद जमकर हंगामा हुआ। दरअसल, शहर के सीता मंगल भवन क्षेत्र स्थित एक खुले सेफ्टी टैंक में मंगलवार को एक गोवंश गिर गया था। जिसकी सूचना मिलने पर स्थानीय गौरक्षकों का एक दल उसे बचाने पहुंचा। यहां पहुंचे गौरक्षकों ने उस गोवंश को सही-सलामत गड्ढे से बाहर निकालने के भरसक प्रयास भी किए, लेकिन दम घुटने से उसकी मौत हो गई। इसके बाद हंगामा शुरू हो गया, गौरक्षकों ने उस गोवंश के शव को पोस्ट ऑफिस चौराहे पर रखकर चक्काजाम करते हुए विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
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विरोध कर रहे गौरक्षकों ने गोवंश की मौत के लिए नगर पालिका के स्वास्थ्य अधिकारी और गेरेज संचालक को जिम्मेदार ठहराते हुए उन पर गोवंश प्रतिषेध अधिनियम के तहत कड़ी कार्रवाई की मांग की। इस दौरान चौराहे पर गोवंश का शव रखकर "नगर पालिका हाय हाय" और "गौ हत्यारी नगर पालिका" जैसे नारे भी लगाए गए। इधर, विरोध प्रदर्शन की सूचना मिलते ही मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल के साथ एसडीएम बीएल कनेश और नगर पालिका सीएमओ ममता कौल भी पहुंचे। यहां काफी देर तक प्रदर्शन कर रहे लोगों को मनाने की कोशिश की गई।
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इस दौरान गौरक्षकों ने आरोप लगाया कि गोवंश के गड्ढे में गिरने की सूचना के बावजूद नपा के स्वास्थ्य अधिकारी अमित डामोर ने मौके पर जेसीबी मशीन नहीं भेजी। करीब एक घंटे बाद जब उन्हें दोबारा फोन किया गया, तब उन्होंने नपा के गेरेज प्रभारी का नंबर दे दिया। जब गेरेज प्रभारी को घटना की जानकारी दी गई, तब उन्होंने पहले हमसे लिखित में मांगा। इस तरह ये अधिकारी-कर्मचारी दोनों ही एक-दूसरे के पाले में गेंद डालते रहे और उनके द्वारा समय पर वाहन नहीं पहुंचाने से गोवंश ने दम तोड़ दिया। वहीं, इस पर एसडीएम और सीएमओ ने प्रदर्शन कर रहे लोगों को जांच कर कार्रवाई का भरोसा दिलाया, जिसके बाद यह पूरा मामला शांत हुआ।