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जौनपुर में अलविदा तनाव शिविर का आयोजन, लक्ष्मी नारायण की झांकी बनी आकर्षण का केंद्र
प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय की ओर से सिटी पब्लिक स्कूल में आयोजित अलविदा तनाव कार्यक्रम में आध्यात्मिकता और भक्ति का संगम देखने को मिला। शिविर में अलौकिक जन्म उत्सव का आयोजन हुआ। जिसमें दिव्यता और आनंद की झलक हर ओर दिखाई दी।प्रख्यात तनाव मुक्ति विशेषज्ञ ब्र.कु. पूनम बहन ने"परमात्मा का" विषय पर जानकारी दी।
मुख्य अतिथि एसपी ग्रामीण शैलेंद्र सिंह,सीओ प्रतिमा वर्मा, थाना प्रभारी दिलीप सिंह, पूर्व चेयरमैन शिव गोविंद साहू, एसबीआई शाखा प्रबंधन निधि पटेल, अतुल त्रिपाठी, स्मिता भोजवाल व संजय जयसवाल आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर शुभारंभ किया। देवी देवताओं का स्वरूपों में सजे ब्रह्माकुमारियों में रजनी, ममता, ज्योति, खुशबू, बबीता, शोभा, प्रमिला, शुभम व रामपाल आदि ने लोगों के ऊपर पुष्प वर्षा कर परमात्मा के सुख, शांति व आनंद की अनुभूति कराई। शिविर में कृष्णा सिद्धि, राधा आयूषी, लक्ष्मी जया व नारायण भगवान अदिति गुप्ता के स्वरूपों में सजे प्रतिभागियों ने सतयुग के प्रथम राजकुमार- राजकुमारी, राधा और कृष्णा जो आगे चलकर लक्ष्मी नारायण बनें झांकी आकर्षण का केंद्र रहा। बधाई हो बधाई हो शुभ दिन की बधाई हो... जन्मोत्सव गीत पर पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया। मेरी चाहत का मुझको सिला मिल गया, अब क्या मांगू तुझको खुदा मिल गया गीत पर महिलाओं ने जमकर झूमकर मधुर रास (नृत्य) किया। मुख्य अतिथि एसपी ग्रामीण शैलेंद्र सिंह ने कहा कि आत्मा परमात्मा का अंश है। मन, बुद्धि, चित्त और अहंकार को आत्म लय कर देना ही योग है। सीओ प्रतिमा वर्मा ने कहा कि मनुष्य के जीवन में अत्यधिक तनाव लेने से कई गंभीर बीमारियां जन्म लेती हैं। तनाव हमारे शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डालता है। ब्रह्माकुमारी द्वारा आयोजित अलविदा तनाव शिविर सार्थक कदम है। मुख्य वक्ता ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी ने प्रजापिता ब्रह्मा के जीवन में घटित दिव्य अनुभव की प्रेरणादायक कथा को साझा करते हुए बताया कि कैसे साधारण गृहस्थ लेखराज कृपलाली को ईश्वरीय अनुभूति प्राप्त हुई और जीत के सत्य ज्ञान का प्रकटीकरण हुआ । इस आध्यात्मिक जागृति ने न उनके जीवन को बदला बल्कि समाज में भी एक नई चेतना का संचार किया। संचलिका अनीता दीदी ने आएं हुए अतिथियों को ईश्वरीय सौगात देकर सम्मानित किया।कार्यक्रम का संचालन सुमन जायसवाल व राज पाल ने किया।
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