मध्यप्रदेश के खंडवा जिले की हरसूद कोर्ट ने जादू-टोने के शक में हुई एक युवक की कुल्हाड़ी से हत्या मामले में आरोपियों को आजीवन कारवास की सजा सुनाई है। कोर्ट ने इसे जघन्य एवं चिन्हित मामला मानते हुए दो आरोपियों पर एक-एक हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
आरोपियों का कहना था कि मृतक के पिता के जादू-टोना करने से उसकी पत्नी सहित दूसरे परिजन अक्सर बीमार रहते हैं। इससे परेशान होकर बदला लेने के लिए उसने जादू करने वाले के बेटे को झूठ बोलकर जंगल बुलाया, जहां कुल्हाड़ी से वार कर उसे मौत के घाट उतार दिया। बता दें कि इस मामले में खालवा थाना पुलिस ने तफ्तीश की थी तो वहीं अभियोजन की ओर से मामले की पैरवी सहायक लोक अभियोजन अधिकारी अनिल चौहान द्वारा की गई थी।
यह भी पढ़ें: विरोध करने घुटनों के बल आई कांग्रेस, साथ लाए मटमैला पानी, हंगामा कर FIR की उठाई मांग
घटना की जानकारी देते हुए अभियोजन सेल प्रभारी एडीपीओ हरिप्रसाद बांके ने बताया कि 16/09/2022 को सउनि रमाकांत मीणा को सूचना मिली थी कि ग्राम बाटला के जंगल क्षेत्र में एक अज्ञात लाश पड़ी है। इसकी गर्दन पर दोनों ओर धारदार हथियार के चोट के निशान भी हैं। उसके बाद खालवा थाना प्रभारी सहित पुलिस बल ने मौके पर जाकर घटना स्थल का बारीकी से निरीक्षण कर ग्रामीणों से चर्चा की थी।
यह भी पढ़ें: चोर ने गल्ले से निकाले जरूरत के सिर्फ ढाई लाख, छोड़ा भावुक माफीनामा, जानें क्या लिखा
इस दौरान जानकारी जुटाने पर मालूम चला कि मृतक का नाम महाजन पिता समलु गोड निवासी बाटला कला है, जिसके बाद मौके पर लाश का पंचनामा बनाकर मृतक के परिजन के बयान लिए गए थे। पुलिस जांच के दौरान गांव के एक युवक नितेश पर हत्या की आशंका जताई गई, जिसके बाद नितेश और उसके एक साथी सुरेश उर्फ गोपाल से पुछताछ में दोनों ने हत्या करना स्वीकार किया। दोनों को गिरफ्तार कर हत्या में इस्तेमाल हुई कुल्हाडी, मोबाइल सहित घटना के वक्त पहने कपड़े भी जब्त किए गए, जिसके बाद आरोपियों को न्यायालय में पेश कर जेल भेजा गया था।
यह भी पढ़ें: नगर में श्री राम जन्मोत्सव की धूम, निकली शोभायात्रा और झांकियां, देर रात तक झूमें श्रद्धालु
जादू करने से पत्नी और परिजन रहते थे बीमार
वहीं, एडीपीओ ने बताया कि जब आरोपी नितेश को खालवा थाना पुलिस ने गिरफ्तार किया था। तब उसने पुलिस की पूछताछ में बताया था कि मृतक महाजन के पिता समलू के जादू टोना करने से उसकी पत्नी बीमार रहती थी। साथ ही उसके परिवार के दूसरे सदस्य भी अक्सर बीमार रहते थे।
इसी बात का बदला लेने के लिए उसने दूसरे आरोपी सुरेश के साथ मिलकर महाजन को झूठ बोलकर मुहाल अर्थात शहद का छत्ता तोड़ने जंगल में बुलाया था। जब महाजन वहां एक पेड़ के नीचे बैठा था, इस दौरान नितेश ने उसकी गर्दन पर कुल्हाड़ी से वार कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद लाश छुपाने के लिए दोनों आरोपियों ने मिलकर उसे नाले में फेंक दिया था।