मध्यप्रदेश के खरगोन जिले में इन दिनों रेलवे बोर्ड द्वारा खंडवा-आलीराजपुर रेल लाइन का सर्वे कराया जा रहा है। रेलवे बोर्ड के इस सर्वे से आदिवासी बाहुल्य खरगोन जिले वासियों को क्षेत्र में रेल की सुविधा मिलने की उम्मीद जागी है। इसको लेकर सर्वे टीम फिलहाल धरातल पर जाकर रेल के संभावित रूट को देख रही है। इस दौरान इस रूट में पड़ने वाली नदी, नहर, पहाड़, टावर, स्कूल, सड़क आदि को नोट किया जा रहा है, जिन्हें रास्ते से शिफ्ट किया जाएगा या नहीं इसको लेकर भी सर्वे टीम चर्चा कर रही है।
बता दें कि नर्मदा ताप्ती रेल लाइन समिति के इंजीनियरिंग राधेश्याम पाटीदार द्वारा बनाए गए नक्शे के आधार पर यह पूरा सर्वे हो रहा है। इस रेल लाइन में आलीराजपुर, धार, बड़वानी, खरगोन और खंडवा पांच जिले शामिल हैं। इसके पहले चरण के बाद दूसरे चरण में ड्रोन कैमरे से सर्वे होगा। फिलहाल करीब सवा 6 करोड़ रुपये की राशि से यह सर्वे कार्य चल रहा है।
आलीराजपुर से खरगोन तक 140 किलाेमीटर का फुट टू फुट सर्वे हो चुका है। अब सर्वे टीम खरगोन से खंडवा की ओर सर्वे के लिए बढ़ रही है। बता दें कि, लंबे समय से नर्मदा ताप्ती रेल लाइन समिति खंडवा आलीराजपुर रेल लाइन की मांग कर रही है। इस रेलवे लाइन के लिए फिलहाल खरगोन के मांगरूल गांव के पास सर्वे कार्य चल रहा है। सर्वे के दौरान सड़क, खेत और अन्य भूभागों का बारीकी से निरीक्षण किया जा रहा है। सर्वे टीम के सदस्य कैमरे के जरिए तस्वीरें लेते हैं, और सभी जरूरी जानकारियां नोट करते हैं। फुट-टू-फुट सर्वे पूरा होने के बाद ड्रोन और डीजीपीएस तकनीक की सहायता से विस्तृत सर्वेक्षण किया जाएगा। इसके बाद फाइनल रिपोर्ट तैयार की जाएगी। अब तक रिपोर्ट के अनुसार रेलवे लाइन के रास्ते में छोटी पहाड़ियां तो हैं, लेकिन कोई फॉरेस्ट एरिया नहीं है।
वॉक थ्रू सर्वे चल रहा है, फिर होगा ड्रोन सर्वे
बड़ौदा से आए सर्वे टीम के सदस्य रवि ने बताया कि अभी यह सर्वे का पहला चरण है। इसमें वाक थ्रू सर्वे चल रहा है। इसमें हम वास्तविक धरातल पर जाकर सर्वे करते हैं कि, यहां से रेल लाइन जा सकती है या नहीं। इसके बीच में क्या-क्या चीज आ रही हैं। जैसे अभी सर्वे के दौरान पड़ोस के बड़वानी जिले में छोटी-छोटी पहाड़ियां और टावर रास्ते में आए थे। जिन्हें हमने नोट किया है कि इन्हें कहां तक शिफ्ट किया जा सकता है। या रास्ते में कोई रोड या नदी या नहर आ रही हो, तो वहां कोई माइनर ब्रिज बनेगा या मेजर ब्रिज बनेगा। इसके हिसाब से प्रोजेक्ट की कास्ट को भी मेजर करने में सहायता मिलती है। इसके बाद दूसरे चरण में ड्रोन से सर्वे कराया जाएगा।
जल्द ही होगी रेलवे लाइन पास
इधर नर्मदा ताप्ती रेल लाईन समिति खरगोन के कोषाध्यक्ष दशरथ सिंह यादव ने बताया कि यह जो सर्वे हो रहा है, इसके पांचो जिलों का सेंट्रल खरगोन में रहने वाला है। इसलिए इससे खरगोन का बहुत अधिक विकास होगा। इसको लेकर हमने चीफ इंजीनियर को यहां के ट्रैफिक सर्वे की रिपोर्ट भी सौंपी है। इससे यहां का जो कृषि प्रधान क्षेत्र है इसको फायदा होगा, क्योंकि देश में बहुत कम ऐसे जिले हैं, जहां तीन मंडियां हों और खरगोन उनमें से एक है। तो इस क्षेत्र के उत्पादन के आंकड़ों को लेकर हम भी रेलवे की मदद कर रहे हैं, क्योंकि इससे भविष्य में कृषि से जुड़े उद्योग भी खरगोन में लगने की पूरी संभावना है। जब हम दिल्ली जाकर रेलवे के एक बड़े अधिकारी से मिले थे और उन्हें इस क्षेत्र का नक्शा दिखाया था, तो उन्होंने कहा था कि देश की इतनी अच्छी रेलवे लाइन कहां रह गई थी। तो उनके बोलने से तो लगता है कि इस क्षेत्र में जल्द ही रेलवे लाइन पास हो जाएगी।