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Mandla News: नक्सली एनकाउंटर को हाईकोर्ट में दी जाएगी चुनौती, कांग्रेस और जीजीपी ने बताया फर्जी
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, मंडला Published by: मंडला ब्यूरो Updated Sun, 16 Mar 2025 03:39 PM IST
मंडला जिले के खटिया थाना क्षेत्र में हाल ही में हुए नक्सली एनकाउंटर को कांग्रेस और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (जीजीपी) ने फर्जी करार देते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की है। कांग्रेस ने इस मामले की जांच के लिए 6 सदस्यीय कमेटी का गठन किया है, जबकि जीजीपी ने न्याय की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर करने की घोषणा की है।
एनकाउंटर पर उठे सवाल
विगत 9 मार्च को खटिया थाना क्षेत्र के कान्हा-भोरमदेव जंगल में हॉक फोर्स ने एक नक्सली को मार गिराने का दावा किया था। इस मुठभेड़ में नक्सलियों द्वारा 120 राउंड और हॉक फोर्स द्वारा 90 राउंड फायरिंग की गई थी। पुलिस ने नक्सलियों को रसद आपूर्ति करने के आरोप में दो आदिवासियों को भी गिरफ्तार किया था।
मृत नक्सली की पहचान गुरुवार को हीरेन्द्र परते निवासी ग्राम लसरेटोला के रूप में हुई थी, जो संरक्षित बैगा जनजाति से संबंधित था। परिजनों का आरोप है कि हीरेन्द्र मानसिक रूप से कमजोर था और मजदूरी कर अपना जीवनयापन करता था। स्थानीय लोगों ने अंतिम संस्कार के दौरान भी एनकाउंटर को फर्जी बताते हुए विरोध प्रदर्शन किया था।
कांग्रेस और जीजीपी का विरोध
कांग्रेस नेता एवं पूर्व विधायक डॉ. अशोक मसकोले ने पीड़ित परिवार से मुलाकात की और घटना की निष्पक्ष जांच की मांग की। मध्य प्रदेश आदिवासी कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रामू टेकाम ने जांच के लिए 6 सदस्यीय कमेटी गठित की, जो पीड़ित परिवार और अन्य संबंधित व्यक्तियों से मुलाकात कर जानकारी एकत्र करेगी।
जीजीपी के नवनियुक्त प्रदेश अध्यक्ष कमलेश तेकाम ने आरोप लगाया कि यह एनकाउंटर केवल पुलिस के प्रमोशन के लिए किया गया है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि दोषियों पर कार्रवाई नहीं हुई तो पार्टी सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी और न्याय के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर करेगी।
परिवार को न्याय दिलाने की मांग
एनकाउंटर को लेकर आदिवासी समाज में आक्रोश बढ़ता जा रहा है। राजनीतिक दलों ने इस घटना की उच्चस्तरीय जांच की मांग करते हुए कहा कि यदि यह फर्जी साबित होता है, तो दोषियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। अब यह देखना महत्वपूर्ण होगा कि सरकार और प्रशासन इस मामले में क्या रुख अपनाते हैं।
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