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Rajgarh News: कचरे के ढेर में मिली घर की लक्ष्मी, गले पर धारदार चीज के निशान, फरिश्ता बन पहुंची महिला आरक्षक
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, राजगढ़ Published by: राजगढ़ ब्यूरो Updated Sun, 12 Jan 2025 04:57 PM IST
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मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले में शनिवार को कचरे के ढेर में घायल अवस्था में मिली एक नवजात बालिका को अज्ञात आरोपी मृत समझकर फेंक गए, लेकिन वहां पास में रहने वाली एक महिला आरक्षक उसके लिए फरिश्ता बनकर पहुंच गई। समय रहते अस्पताल पहुंचा दिया गया, जहां उसका उपचार किया जा रहा है। पुलिस अज्ञात आरोपी के विरुद्ध प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच कर रही है।
जानकारी के मुताबिक यह पूरा मामला राजगढ़ जिले के पचोर थाना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मेला ग्राउंड का बताया जा रहा है, जहां पास में ही निवास करने वाली महिला आरक्षक माया निगम की नज़र कचरे के ढेर में घायल अवस्था में पड़ी हुई एक नवजात बालिका पर पड़ी, जिसकी सांसें चल रही थीं। इसकी सूचना महिला आरक्षक ने स्थानीय थाने में और घायल नवजात बालिका को गोद में उठाकर सिविल अस्पताल पहुंच गई, जहां नवजात बालिका का प्राथमिक उपचार किया गया और उसे उचित उपचार के लिए राजगढ़ जिला अस्पताल में भर्ती किया गया है, जहां उसका उपचार किया जा रहा है।
पचोर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर पीएस परमार ने बताया कि माया नाम की एक महिला पुलिसकर्मी जो कि करनवास थाने में पदस्थ है, वे एक नवजात बच्ची जो कि कीचड़ से सनी हुई थी, को लेकर यहां आई थी। जो कि कचरे के ढेर में उनको मिली थी। जीवित अवस्था में थी। बच्ची के शरीर पर तीन जगह घाव थे। उसके गले पर नुकीले हथियार का घाव था। इतने घाव होने के बाद भी बच्ची सुरक्षित थी। इसका प्राथमिक उपचार करके उसे जिला अस्पताल रेफर किया गया है और इसकी सूचना हमने भी स्थानीय पुलिस थाने में दी है।
पचोर थाना प्रभारी अखिलेश वर्मा का कहना है कि करनवास थाने में पदस्थ महिला आरक्षक माया निगम जो कि पचोर में ही निवास करती है। उन्होंने कचरे के ढेर में उन्होंने घायल अवस्था में एक नवजात बच्ची को देखा, जिसकी सूचना तत्काल उन्होंने थाने पर दी। इसके पश्चात नवजात बच्ची को अस्पताल पहुंचाया गया और प्राथमिक उपचार के बाद राजगढ़ रेफर किया गया। बच्ची सुरक्षित है। उक्त प्रकरण में गंभीरता से जांच की जा रही है। जल्द ही हम आरोपियों को गिरफ्तार करेंगे। नवजात बालिका को जीवनदान देने में महिला आरक्षक माया निगम का विशेष योगदान है, जिनके लिए उचित इनाम की घोषणा भी पुलिस अधीक्षक के द्वारा की गई है।
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