पहलगाम हमले के बाद से ही सीमा पर तनाव है। इस बीच सैनिकों की बहादुरी के किस्से सामने आ रहे हैं। राजगढ़ जिले के वायुसैनिक की कहानी दिल को छू लेने वाली है। दिल्ली के पास ईसापुर एयरफोर्स स्टेशन में तैनात वायुसैनिक मोहित राठौर की गुरुवार को शादी हुई।
ये भी पढ़ें- जबलपुर से गहरा नाता रखती हैं ऑपरेशन सिंदूर की ब्रीफिंग देने वाली कर्नल सोफिया कुरैशी, जानें
कुरवार के मैरिज गार्डन में अपनी होने वाली पत्नी के साथ पहली बार सेहरा बांधकर लग्न सगाई के लिए बैठे तब तक पत्नी को इस बात का अंदाजा भी नहीं था। शादी के बाद ही वह रवाना हो जाएंगे। दरअसल वार्ड-15 निवासी महेश राठौर की किराना दुकान है। बेटा मोहित राठौर छह साल से वायुसेना में हैं, अभी कॉर्पोरल के पद पर हैं। मोहित अपनी शादी के लिए 17 अप्रैल से 15 मई तक ईसापुर एयरफोर्स स्टेशन से छुट्टी लेकर कुरावर आए। सीमा पर तनाव को देखते हुए सैनिकों की छुट्टियां निरस्त कर दी गई हैं। मोहित को शादी के एक दिन पहले बुधवार को फोन आया कि आपकी छुट्टी कैंसिल हो गई है, तुरंत आ जाएं। उन्होंने अधिकारियों को बताया कि गुरुवार को शादी है, तब उन्हें शनिवार तक की मोहलत मिली है। अब वे शादी के तुरंत बाद ड्यूटी के लिए रवाना हो गए हैं। उनका कहना है कि विपरीत परिस्थितियों में देश की रक्षा करना ही सबसे पहला कर्त्तव्य है।
ये भी पढ़ें- 500 पूर्व सैनिकों का प्रण! संकट आया तो फिर पहनेंगे वर्दी
जानकारी के मुताबिक मोहित का रिश्ता राजगढ़ जिले के ही लसूड़िया रामनाथ निवासी गोपाल राठौर की पुत्री वंदना से तय हुआ है। गुरुवार देर रात सात फेरे और पाणिग्रहण संस्कार हुआ। उसके बाद मोहित की रवानगी का सिलसिला शुरू हो गया। मोहित के सुसर ने कहा कि मुझे गर्व है कि मेरे होने वाले दामाद शादी के तुरंत बाद देश की रक्षा के लिए जा रहे हैं। हमारे लिए देश सबसे पहले है। हालाकि उन्होंने रस्में पूरी होने तक बेटी को यह बात नहीं बताने का निर्णय लिया था।
Next Article
Followed