सागर के एक निजी अस्पताल प्रबंधन पर गर्भवती महिला को आधी रात में अस्पताल से भगाने और परिजनों से अभद्रता करने के आरोप लगे हैं। परिजनों का कहना है कि द्वेष भावना के चलते महिला को अस्पताल में भर्ती करने से मना कर दिया। तबीयत बिगड़ने पर उसे ब्लीडिंग हुई, जिसके बाद गंभीर हालत में रात 2 बजे शहर के निजी अस्पताल लेकर पहुंचे। वहां महिला की जान बचाने के लिए डॉक्टर को ऑपरेशन कर 7 माह के बच्चे की डिलीवरी करानी पड़ी। घटना मंगलवार रात की है, जिसकी शिकायत महिला के देवर ने मोतीनगर थाना पुलिस से करते हुए कार्रवाई की मांग की है।
नरयावली थाना क्षेत्र के लोटना गांव के रहने वाले अवधेश ठाकुर ने मोतीनगर पुलिस से की शिकायत बताया कि उनकी भाभी का एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा था। मंगलवार को अचानक बुखार आने पर वह सुबह 9 बजे के करीब अपनी भाभी को लेकर अस्पताल पहुंचे। वहां पता चला कि जिन डॉ. प्रियंका जैन को दिखाना है वह दोपहर 12 बजे तक आती हैं। बिगड़ती हालत देख अवधेश ने अस्पताल के बाहर डॉ. वर्षा शर्मा को दिखा दिया।
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अवधेश ने बताया कि रात में उनकी भाभी को अचानक तेज दर्द होने लगा तो वह उन्हें लेकर फिर अस्पताल पहुंचे। भर्ती करने की प्रक्रिया शुरू हो गई, लेकिन इसी दौरान फाइल में उन्हें डॉ. वर्षा शर्मा का पर्चा दिखा तो मरीज को भर्ती करने से मना करते हुए बाहर निकाल दिया। जब मरीज को बाहर करने की वजह पूछी तो उनका कहना था कि आप डॉ. वर्षा शर्मा के यहां क्यों गए थे, अब उन्हीं से इलाज कराओ। अवधेश का आरोप है कि इस दौरान अस्पताल के मैनेजर ने अभद्रता की। मामले में मोती नगर थाना प्रभारी जसवंत सिंह राजपूत ने बताया कि शिकायती आवेदन आया है। अस्पताल के खिलाफ दिया गया है। तथ्यों के आधार पर जांच कर कार्रवाई की जाएगी।