सागर जिला कलेक्टर संदीप जीआर द्वारा अधिकारियों के साथ शासकीय माध्यमिक एकीकृत शाला तिली का अचानक निरीक्षण किया गया। इस दौरान कक्षाओं का निरीक्षण करने पर पाया गया कि शिक्षक कक्षाओं में उपस्थित न होकर संस्था परिसर में एक अनाधिकृत व्यक्ति (फेरी वाले) से कपड़े आदि सामग्री खरीद रहे थे। कक्षाओं में कलेक्टर संदीप जीआर ने स्वयं बच्चों से रूबरू होकर चर्चा की।
कलेक्टर संदीप के निर्देश पर जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन द्वारा एक दर्जन से अधिक शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं। इसी स्कूल के प्राचार्य के अनुपस्थित पाए जाने पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। इस कार्यवाही से शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है।
शिक्षकों का यह कृत्य गंभीर कदाचरण, स्वेच्छाचारिता, शिक्षकीय गरिमा के प्रतिकूल और कर्तव्यों के प्रति लापरवाही को दर्शाता है। इसके साथ ही यह मप्र सिविल सेवा आचरण नियम 1965 के नियम-3 के उपनियम का उल्लंघन है, और मप्र सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के तहत दंडनीय है। यदि शिक्षक तीन दिनों में नोटिस का संतोषजनक जवाब नहीं देते हैं, तो उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
जिला शिक्षा अधिकारी अरविंद जैन ने बताया कि जिन एक दर्जन से अधिक शिक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं,
उनमें ये शिक्षक शामिल हैं।
- पीएल अहिरवार, उच्च श्रेणी शिक्षक
- शालिनी रावत, माध्यमिक शिक्षक
- नीरजा रावत, माध्यमिक शिक्षक
- विनीता सोनी, माध्यमिक शिक्षक
- गरिमा तिवारी, माध्यमिक शिक्षक
- विदुष श्रीवास्तव, प्राथमिक शिक्षक
- सुनीता तिवारी, प्राथमिक शिक्षक
- कमला तिवारी, प्राथमिक शिक्षक
- वंदना ठाकुर, प्राथमिक शिक्षक
- साधना श्रीवास्तव, प्राथमिक शिक्षक
- नीरजा पहाड़िया, प्राथमिक शिक्षक
- आरती दुबे, प्राथमिक शिक्षक
- रजनी लता तिवारी, प्राथमिक शिक्षक
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