जैसे-जैसे सर्दियां खत्म हो रही हैं, बुंदेलखंड अंचल के कई ग्रामीण इलाकों में पेयजल संकट गहराने लगा है। इस संकट से परेशान लोग अब सड़कों पर उतरने को मजबूर हो रहे हैं।प्रदेश सरकार विकास के तमाम वादे और योजनाएं बना रही है ताकि जनता को किसी प्रकार की असुविधा न हो, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयान कर रही है। आज भी ग्रामीण इलाकों में लोग मूलभूत सुविधाओं से वंचित हैं। सागर जिले के कई गांवों में हर साल की तरह इस बार भी पेयजल संकट गंभीर होता जा रहा है।
ऐसी ही समस्या देवरी विधानसभा के समनापुर गांव में देखने को मिली, जहां पिछले एक महीने से पानी की भारी किल्लत बनी हुई है। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि शनिवार सुबह 11 बजे आक्रोशित ग्रामीणों ने चक्काजाम कर दिया।
समनापुर, जो केसली तहसील के अंतर्गत आता है, वहां के लोग पानी की व्यवस्था के लिए दूर-दूर तक जाने को मजबूर हैं। शनिवार को पानी भरने गई एक महिला अचानक बेहोश हो गई, जिसके बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम कर विरोध प्रदर्शन किया। ग्रामीणों का कहना है कि वे नाले का पानी पीने तक को मजबूर हैं, लेकिन उनकी शिकायतों पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा। कई बार अधिकारियों से शिकायत की गई, लेकिन अब तक कोई समाधान नहीं हुआ। पिछले एक महीने से गांव में न तो बिजली है और न ही पानी। बिजली न होने के कारण गांव के मासूम बच्चे पढ़ाई से भी वंचित हैं।
गांव वालों की समस्याओं को लेकर किए गए चक्काजाम की सूचना मिलते ही प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने ग्रामीणों की मांगों को देखते हुए तत्काल विद्युत आपूर्ति के लिए डीपी स्थापित करवाई और पेयजल आपूर्ति के लिए गांव के कुओं पर मोटरपंप की व्यवस्था करवाई। इसके बाद ग्रामीणों ने चक्काजाम समाप्त किया। ग्रामीणों का कहना है कि अगर जल्द ही स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो वे बड़े आंदोलन के लिए बाध्य होंगे।