शहडोल जिले में एक वनकर्मी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मंगलवार को उसका शव फांसी के फंटे से लटका हुआ मिला। मृतक के पास से पुलिस को एक सुसाइड नोट भी मिला है। सोमवार को घर से निकलते समय वनकर्मी ने अपनी पत्नी से कहा था कि वह थोड़ी देर में घूमकर वापस आ जाएगा, लेकिन वह घर नहीं लौटा। देर रात जब पत्नी ने फोन किया, तो उसने कहा कि अब वह जीना नहीं चाहता। इससे पत्नी घबरा गई और पुलिस के पास पहुंचकर मामले की जानकारी दी। रातभर पुलिस और परिजनों ने उसकी तलाश की, लेकिन उसका कुछ पता नहीं चला। मंगलवार को उसका शव फांसी के फंदे पर लटका मिला।
दरअसल, जिले के सोहागपुर थाना क्षेत्र के वार्ड नंबर तीन के रहने वाले नीरज पिता सुखलाल (35) की लाश एक पेड़ से फांसी पर लटकती हुई मिली। मृतक वन विभाग में पदस्थ था। नीरज सोमवार रात 8 बजे खाना खाकर घर से निकला था, उसने अपनी पत्नी को कहा था कि वह जल्द ही लौट आएगा। देर रात तक नीरज घर नहीं लौटा तो पत्नी ने उसे फोन किया। फोन पर नीरज ने कहा कि अब वह जीना नहीं चाहता। इतना सुनते ही पत्नी घबरा गई, लेकिन नीरज ने फोन काट दिया। पत्नी ने दोबारा कॉल किया, तो उसने फोन नहीं उठाया। इसके बाद नीरज की पत्नी ने परिजनों को जानकारी दी और वे रात में ही शिकायत दर्ज करवाने सोहागपुर थाने पहुंचे। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और रात में ही साइबर सेल की मदद से नीरज का मोबाइल लोकेशन ट्रेस किया।
सोहागपुर थाना प्रभारी भूपेंद्र मणि पांडे ने बताया कि नीरज की गुमशुदगी दर्ज कर पुलिस ने मोबाइल की लोकेशन ट्रेस की जो सोहागपुर के आकाशवाणी क्षेत्र के पास आ रही थी। पुलिस और परिजनों ने उस इलाके में काफी तलाश की, लेकिन नीरज का कुछ पता नहीं चला। मंगलवार की सुबह घर के पास स्थित एक तालाब के किनारे पेड़ पर नीरज का शव फांसी पर लटकता हुआ मिला। मौके पर पुलिस को नीरज के पास से एक सुसाइड नोट भी मिला। जिसमें नीरज ने अपनी मां को संबोधित करते हुए लिखा कि, "मां, तुम मेरी पत्नी और बच्चों का ख्याल रखना। मैं सुसाइड कर रहा हूं। मुझे ऐसा करने के लिए किसी ने प्रेरित नहीं किया है और न ही कोई बड़ी वजह है।"