पर्यटन नगरी ओरछा रविवार सुबह प्रशासनिक गतिविधियों से सरगर्म नजर आई, जब मध्य प्रदेश के मुख्य सचिव अनुराग जैन अपनी पत्नी के साथ यहां पहुंचे। उनका पहला पड़ाव रामराजा सरकार के प्रसिद्ध मंदिर में रहा, जहां उन्होंने शांत वातावरण में पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। दर्शन के तुरंत बाद उनका काफिला सीधे रामराजा लोक प्रोजेक्ट के निरीक्षण के लिए रवाना हुआ, जो प्रदेश का सबसे बड़ा धार्मिक-पर्यटन विकास कार्य माना जा रहा है।
रामराज लोक प्रोजेक्ट साइट पर मुख्य सचिव ने फेस-1 और फेस-2 के निर्माण कार्यों का बारीकी से निरीक्षण किया। इस दौरान आर्किटेक्ट और परियोजना से जुड़े विशेषज्ञों ने उन्हें विस्तृत प्रेजेंटेशन दिया। मुख्य सचिव ने निर्माण की गुणवत्ता, डिजाइन, विरासत संरक्षण और समयसीमा जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विशेष रूप से जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि प्रोजेक्ट की गुणवत्ता में किसी भी प्रकार का समझौता न हो और कार्य निर्धारित समय में पूरा किया जाए।
निरीक्षण के समय कलेक्टर जमुना भिड़े, एसपी डॉ. राय सिंह नरवरिया, जिला पंचायत सीईओ रोहन सक्सेना सहित सभी विभागीय अधिकारी मौजूद रहे। इन सभी ने मुख्य सचिव को प्रोजेक्ट की प्रगति, मौजूदा हालात और आगामी चरणों के बारे में विस्तृत जानकारी प्रस्तुत की।
निरीक्षण के बाद मुख्य सचिव अनुराग जैन और उनकी पत्नी ने ओरछा की ऐतिहासिक धरोहरों का भी जायजा लिया। उन्होंने राय प्रवीण महल का भ्रमण कर बुंदेली कला, शिल्प और स्थापत्य की भव्यता की सराहना की। इसके बाद वे प्रसिद्ध ओरछा की छतरियों तक पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय इतिहास और संरक्षण कार्यों की प्रगति को नजदीक से देखा। पर्यटन के लिहाज से विशेष महत्व रखने वाली इन धरोहरों को संरक्षित रखने की दिशा में किए जा रहे प्रयासों की उन्होंने प्रशंसा की।
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मुख्य सचिव अधिकारियों के साथ रामराज लोक प्रोजेक्ट को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक भी करेंगे, जिसमें आगे की रणनीति और क्रियान्वयन पर विस्तृत चर्चा अपेक्षित है। मुख्य सचिव का यह दौरा न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण रहा, बल्कि ओरछा को धार्मिक-पर्यटन के वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में भी अहम माना जा रहा है।