टीकमगढ़ जिले के बड़ागांव धसान क्षेत्र में शनिवार को आदिवासी महिलाओं का गुस्सा शराब दुकान के खिलाफ फूट पड़ा। सुबह से ही गांव की बड़ी संख्या में महिलाएं टीकमगढ़-सागर हाईवे पर एकत्र हुईं और दुकान हटाने की मांग करते हुए जाम लगा दिया। लगभग एक घंटे तक चला यह प्रदर्शन पूरे इलाके में चर्चा का विषय बना रहा और आवागमन ठप हो गया।
प्रदर्शनकारी महिलाओं ने बताया कि उनके घर शराब की वजह से बर्बादी की कगार पर पहुंच गए हैं। शराब के नशे में पति अक्सर मारपीट करते हैं, जिससे परिवार का माहौल बिगड़ जाता है। कई महिलाओं ने कहा कि अत्यधिक शराब सेवन के कारण उनके पतियों की कम उम्र में मौत हो चुकी है, जिससे बच्चे अनाथ हो रहे हैं और परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहा है। उनका कहना था कि शराब के चलते मजदूरी का अधिकांश पैसा नशे में खर्च हो जाता है, जबकि घर चलाने और बच्चों की पढ़ाई-लिखाई की जिम्मेदारी पूरी तरह महिलाओं पर आ जाती है।
जाम की सूचना पाकर थाना प्रभारी नरेंद्र सिंह मौके पर पहुंचे। उन्होंने महिलाओं से कहा कि पुलिस शराब नहीं बिकवाती, यह सरकार का निर्णय होता है, इसलिए उनकी मांगें कलेक्टर स्तर पर सुनी जा सकती हैं। हालांकि महिलाएं तत्काल निर्णय चाहती थीं और जाम खोलने को तैयार नहीं थीं।
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कुछ समय बाद तहसीलदार पलक जैन मौके पर पहुंचीं। उन्होंने महिलाओं की समस्याएं सुनीं और भरोसा दिलाया कि शराब दुकान को दूसरी जगह स्थानांतरित करने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। प्रशासन के आश्वासन के बाद महिलाओं ने अपना विरोध खत्म किया और हाईवे पर लगा जाम खोल दिया।
इस बीच, विरोध प्रदर्शन के दौरान शराब दुकान संचालक अपनी दुकान बंद करके मौके से फरार हो गया। इलाके में महिलाओं की एकजुटता और उनके मुखर विरोध को देखते हुए प्रशासन अब इस मुद्दे को गंभीरता से ले रहा है।