कार्तिक मास में लगने वाला उज्जैन का मशहूर गधों का पारंपरिक मेला इस साल भी एक नवंबर से शुरू हो गया है। परंपरानुसार गधों को गुलाब जामुन खिलाकर और पूजा-अर्चना कर मेले की शुरुआत की गई। इस बार मेले में देशभर से 500 से अधिक गधे और करीब 200 घोड़े बिक्री के लिए पहुंचे हैं।
इस साल मेले में सलमान, शाहरुख, ऐश्वर्या, जैकलीन, शबनम तो बिकने आए ही हैं, साथ ही तेजस्वी और ओवैसी नाम के गधे भी लोगों का ध्यान खींच रहे हैं। मेला प्रभारी कैलाश प्रजापत के अनुसार हर साल मौजूदा ट्रेंड या चर्चा में रहे नामों पर गधों के नाम रखे जाते हैं ताकि ग्राहक आकर्षित हों।
बिहार चुनाव और बॉलीवुड का असर
इस बार मेले में बिहार चुनाव का असर भी देखा जा रहा है। इसी के चलते कुछ गधों के नाम तेजस्वी और ओवैसी रखे गए हैं। वहीं फिल्मों की लोकप्रियता को देखते हुए ‘पुष्पा’ नाम का गधा भी लोगों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। व्यापारी बताते हैं कि तेजस्वी और ओवैसी नाम के गधों को बिहार पहुंचाया जाएगा ताकि वहां पर लोग शत-प्रतिशत मतदान कर सकें।
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4 से 15 हजार रुपए तक है कीमत
मेले में बिकने आए गधों की कीमत 4 से 15 हजार रुपए तक बताई जा रही है। वहीं छोटे घोड़े 10 हजार से 20 हजार रुपए तक में बिक रहे हैं। व्यापारी बबलू प्रजापति ने बताया कि ये गधे शाजापुर, सुसनेर, मक्सी, सारंगपुर, भोपाल सहित राजस्थान और महाराष्ट्र से लाए गए हैं, जबकि घोड़े अमरावती, अरनी, मालेगांव और सिरपुर से आए हैं।
पशुपालकों के अनुसार गधों के दांत देखकर उनकी उम्र और ताकत का अंदाजा लगाया जाता है और इसी आधार पर उनकी कीमत तय होती है।
गधों का यह मेला न केवल परंपरा का प्रतीक है बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था का भी अहम हिस्सा है। आज भी गधे निर्माण कार्यों, ईंट-भट्टों और सामान ढोने जैसे कामों में सबसे सस्ता और भरोसेमंद साधन माने जाते हैं।