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कानपुर देहात में दिशा की बैठक में भिड़े सांसद व पूर्व सांसद, दोनों में तीखी नोकझोंक
कलक्ट्रेट सभागार में मंगलवार को हुई जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक में नामित सदस्यों, नगर पंचायत अकबरपुर के मिर्जा तालाब में खनन की जांच समेत कुछ अन्य मुद्दों को लेकर पूर्व सांसद की सदस्यों से नोकझोंक शुरू हो गई। मामले में सांसद ने हस्तक्षेप किया तो उनसे भी तीखी नोकझोंक होने लगी। मामला यहां तक बढ़ गया कि दोनों ने एक दूसरे को देख लेने तक की बात कह दी। डीएम, एसपी ने दोनों को संभाला और 15 मिनट चले हंगामे के बाद बैठक स्थगित कर दी गई।
दोपहर 12 बजे से कलक्ट्रेट के मां मुक्तेश्वरी सभागार में बैठक शुरू हुई। बैठक में राज्यमंत्री/अकबरपुर-रनियां विधायक प्रतिभा शुक्ला के प्रतिनिधि के तौर में पहुंचे पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने भारत सरकार से नामित सदस्यों के बारे में मुद्दा उठा दिया। इस पर सांसद ने उन्हें भारत सरकार के नियमों का हवाला देते हुए परियोजना निदेशक वीरेंद्र सिंह से नामित सदस्यों के बारे में जानकारी देने की बात कही। इसको लेकर सदन में बैठे नामित सदस्यों ने नाराजगी जाहिर कर दी। बैठक में सदस्य राजेश तिवारी व उनके बेटे को लेकर पूर्व सांसद ने कहा तो मामला तूल पकड़ गया। कुछ जनप्रतिनिधियों व सांसद ने किसी तरह मामले को शांत कराते हुए आगे की कार्यवाही बढ़ाने की बात कहते हुए पिछले बैठक की समीक्षा शुरू कर दी।
अकबरपुर के नगर पंचायत के मिर्जा तालाब में हुए खनन का बिंदु आया तो सांसद ने जांच की प्रगति पूछी। इस पर एडीएम प्रशासन अमित कुमार ने बारिश होने की वजह से जांच पूरी न हो पाने का हवाला दिया। तभी पूर्व सांसद अनिल शुक्ला वारसी ने टोकते हुए कहा कि एडीएम साहब जो कह रहे हैं वह सही नहीं है, वह किसी के दबाव में हैं। तालाब से अवैध खनन किया गया है। डीएम ने तेजी दिखाते हुए 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी थी, दोबारा पांच दिन का और समय दे दिया गया। अब तक रिपोर्ट स्पष्ट नहीं हैं। नगर पंचायत से खनन को लेकर रिकवरी होनी चाहिए। जिस प्लाटिंग क्षेत्र में खनन कर मिट्टी डाली गई उसमें अध्यक्ष के परिवार के लोग शामिल हैं। इस पर नामित सदस्य व नगर पंचायत अध्यक्ष पति जितेंद्र सिंह गुड्डन ने आपत्ति जताते विरोध कर दिया। कहा सीधे किसी के बारे में न कहें। इस पर सांसद ने कहा कि पूरे मामले की बड़ी से बड़ी जांच होकर रहेगी। सांसद ने पूर्व सांसद से कह दिया कि जब जब चुनाव आता है, आपके पास सरकार को घेरने के लिए परशुराम महासभा होती है। इसके बाद पूर्व सांसद ने अकबरपुर नगर पंचायत में तैनात रही तत्कालीन अधिशासी अधिकारी देवहुति पांडेय के खिलाफ हुई जांच व निलंबन को लेकर सांसद पर परेशान किए जाने का आरोप लगा दिया। यह सुनते ही सदन में बैठे सदस्य विवेक द्विवेदी, राजेश तिवारी ने विरोध किया तो पूर्व सांसद उनसे गुंडागर्दी करने के लिए बैठने की बात कहने लगे। देखते ही देखते सांसद और पूर्व सांसद भी भिड़ गए और दोनों में बहस होने लगी। मामला इतना बढ़ा कि एक दूसरे के समर्थक भी आगे गए। एक दूसरे को देख लेने की बात कहने लगे। मामला बढ़ता जिलाधिकारी कपिल सिंह, एसपी श्रद्धा नरेंद्र पांडेय, पूर्व मंत्री शिव कुमार बेरिया, एमएलसी अरुण पाठक व अन्य अधिकारी अपनी अपनी सीट से उठ गए और दोनों पक्ष के लोगों को शांत कराने लगे। करीब 15 मिनट हो हल्ला होता रहा। अधिकारियों ने स्थिति संभाली। इसके बाद समिति के अध्यक्ष देवेंद्र सिंह भोले की अनुमति पर सांसद ने बैठक स्थगित कर दी।
दिशा की बैठक में मुझे भारत सरकार द्वारा अध्यक्ष बनाया गया है। समिति में गाइडलाइन व आरक्षण के तहत सब के सहयोग से पांच ग्राम प्रधान व चार वह सदस्य जो जिलाधिकारी व मेरी सहमति से भारत सरकार से होकर आते हैं। पूर्व सांसद भारत सरकार की गाइडलाइन को नहीं मानते हैं। वारसी जी हमारे भाई और मित्र हैं। वह मुझे सांसद नहीं मानते, इसका मतलब है वह अकबरपुर की जनता का अपमान कर रहे हैं। जिन मामलों में जांच कमेटी बनाई गई है, उसे भी वह नहीं मानते। वह धरने पर बैठते हैं, जब चुनाव का वक्त आता है वह परशुराम महासभा चलाते हैं, वह जाति को चलाते हैं। उनसे बड़ा मैं ब्राम्हण, क्षत्रिय, दलित, पिछड़ा, मुस्लिम हूं। वह बेईमान अधिकारियों को बचाने के लिए बैठक में आए थे। वह खनन का काम कराते हैं, मेरे बारे में कोई बताए कि मैं खनन कराता हूं। पहले राज्यमंत्री आती थीं, आज वह आ गए। मेरे खिलाफ बोलते रहते हैं, उन्हें इलाज की कहीं न कहीं जरूरत है। वह स्वस्थ व दीर्घायु रहे। - देवेंद्र सिंह भोले, सांसद
सांसद देवेंद्र सिंह भोले दिशा के अध्यक्ष हैं। उन्होंने गुंडों को सदस्य बनाया है। बैठक में वह लोगों को टारगेट करते हैं, बेइज्जत करते हैं। सबको परेशान करते हैं, जबरन मुकदमे लिखाते हैं। पहले फैक्टरी वालों को टारगेट करते हैं, फिर उनके लोग वहां जाकर वसूली करते हैं।- अनिल शुक्ला वारसी, पूर्व सांसद
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बैठक में सांसद व पूर्व सांसद के बीच किसी बात को लेकर कहासुनी हो गई थी। बैठक में लोग हंगामा करने लगे थे। सांसद ने ही पूर्व सांसद को बैठक में राज्यमंत्री के प्रतिनिधि के तौर पर शामिल होने की अनुमति दी थी। कुछ मुद्दों पर चर्चा हो गई थी। हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने निर्णय लिया कि बैठक को स्थगित कर दिया जाए। इस पर बैठक स्थगित की गई है। - कपिल सिंह, जिलाधिका
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