धार जिले के छोटे से कस्बे धामनोद से गर्व से भर देने वाली खबर सामने आई है। यहां के होनहार युवा मुकुंद आगीवाल ने चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की अखिल भारतीय परीक्षा में प्रथम स्थान हासिल कर इतिहास रच दिया है। मुकुंद ने न केवल अपने परिवार बल्कि पूरे धार जिले और मध्यप्रदेश का नाम देशभर में रोशन किया है।
धामनोद के स्टेशनरी व्यवसायी पवन आगीवाल के सुपुत्र मुकुंद की इस सफलता से पूरे नगर में खुशी की लहर दौड़ गई है। परीक्षा परिणाम घोषित होते ही परिजनों की आंखें खुशी से नम हो गईं और घर पर बधाइयों का तांता लग गया। रिश्तेदारों, शिक्षकों और नगरवासियों ने मुकुंद को फूलों से लाद दिया।
ये भी पढ़ें- मध्यप्रदेश ने मनाया गौरव का ‘अभ्युदय’- संस्कृति, परंपरा और प्रगति का हुआ भव्य संगम
पिता का सपना किया पूरा
मुकुंद ने बताया कि उनके पिता पवन आगीवाल का सपना भी चार्टर्ड अकाउंटेंट बनने का था, लेकिन पारिवारिक और व्यावसायिक जिम्मेदारियों के कारण वे अपना सपना पूरा नहीं कर पाए। इसलिए पिता ने वही सपना अपने बेटे में देखा, और मुकुंद ने उस सपने को साकार कर दिखाया। पहले सीए इंटर परीक्षा में मुकुंद ने ऑल इंडिया 24वीं रैंक प्राप्त की थी, और अब फाइनल परीक्षा में देश में पहला स्थान हासिल कर यह साबित कर दिया कि मेहनत और लगन से कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। मुकुंद ने कहा कि प्रतिभा केवल बड़े शहरों में नहीं, बल्कि छोटे कस्बों में भी होती है। यदि लक्ष्य स्पष्ट हो और मन लगाकर मेहनत की जाए, तो सफलता निश्चित है। उन्होंने बताया कि वे आगे पहले अनुभव प्राप्त करना चाहते हैं और फिर अपने ही शहर धामनोद में कुछ नया शुरू करने की योजना है। मुकुंद ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा धामनोद के निजी स्कूल से प्राप्त की थी। 10वीं में 95% और 12वीं में 96% अंक प्राप्त कर वे हमेशा से ही टॉपर रहे हैं।
ये भी पढ़ें- भोपाल में स्कॉलरशिप के लिए सड़कों पर उतरे छात्र, किया प्रदर्शन, पुलिस से भिड़ंत, दो छात्राएं बेहोश
खामियों को पहचानिए, उन पर काम करिए
मुकुंद ने बताया कि मुझे बहुत अच्छा लग रहा है, परिजन और मेरे टीचर से बात कर खुशी का अनुभव हो रहा है। खासकर आईसीए प्रेसिडेंट का फोन आया। मेरा संदेश यही है कि बच्चों को ये सोचना चाहिए कि वो क्या कारण से इस फील्ड में आए हैं। उसे मोटिवेट बनाकर बहुत मेहनत करना होगी। सीए बहुत मेहनत और डेडिकेशन मांगता है। अपने गोल को पहचानिए, खामियों को दूर करने पर लग जाइए। परिजन और गुरुजनों सभी ने बहुत सपोर्ट किया। हम रोज डिस्कस करते थे, वो मुझे लगातार आत्मविश्वास पर भरोसा करना सिखाते थे।
माता-पिता का रहा आशीर्वाद
मुकुंद के पिता ने बताया कि मेरा सपना था कि मैं सीएम बनूं। मेरे दोस्त गए भी उसे ट्राय करने, पर मैं जिम्मेदारियों से नहीं जा पाया। पर आज मेरे बेटे ने प्रूव कर दिया। उसकी खुद की मेहनत और वो श्रेय मुझे दे रहा है। मुकुंद की मां ज्योति आगीवाल ने कहा कि मैं बहुत खुश हूं, कहने के लिए शब्द ही नहीं हैं। वह बचपन से मेहनती है। उसी का फल उसे मिला है। भगवान का बहुत आशीर्वाद है उस पर, और वो हमेशा बना रहे। हमने कभी उसे प्रेशर नहीं दिया, उसे हमेशा कहते थे कि जो बेस्ट दे सको, वो दो। मेहनत करना आपका काम है, बाकि आपका नसीब है। और वो आगे और मेहनत करना चाहता है, नाम कमाना चाहता है। वो पढ़ाई को एन्जॉय करता है।