शहर में ट्रैफिक जाम की समस्या विकराल होती जा रही है। बार-बार जाम लगने से शहरवासियों के साथ बाहर से आने वाले पर्यटक भी परेशान और बेहाल हैं। रविवार को सुबह हरिफाटक ब्रिज पर श्रद्धालुओं से भरी बस के अटकने से जाम लग गया, देखते ही देखते ब्रिज की चारों भुजाओं पर दो और चौपहिया वाहनों की कतार लग गई। ची-ची, पो-पो जैसी हॉर्न की कर्कश आवाज से परेशानी बढ़ती चल गई। ब्रिज के ऊपर एक-दो पुलिसकर्मी नजर आए जो जाम से वाहनों को निकालने की मशक्कत करते रहे।
याद रहे कि महाकाल लोक बनने के बाद से शहर में पर्यटकों की संख्या में रिकॉर्डतोड़ बढ़ोतरी हुई है। भगवान महाकाल के दर्शन करने के लिए देशभर से हजारों श्रद्धालु आ रहे हैं। यह संख्या वीकेंड के दौरान लाखों में पहुंच जाती है। आज भी कुछ ऐसा ही हुआ। महाराष्ट्र, यूपी, गुजरात, राजस्थान, कर्नाटक, हरियाणा सहित अन्य राज्यों से बड़ी तादाद में श्रद्धालु शहर पहुंचे। इसी दौरान हरिफाटक ब्रिज पर श्रद्धालुओं से भरी बस फंस गई जिससे देखते ही देखते वाहनों की रेलमपेल मच गई और वाहन गुत्थमगुत्था होने लगे। इस दौरान वहां ट्रैफिक पुलिस का एक जवान और एक पुलिसकर्मी वाहनों को निकलते रहे। काफी मशक्कत के बाद बस को इंदौर रोड की ओर से निकाला गया, तब जाकर धीरे-धीरे जाम खुला। हालांकि, बाद में भी थोड़ी-थोड़ी देर में जाम लगता रहा। आज हरिफाटक ब्रिज पर लगे जाम में दोपहिया वाहन भी फंस गए। काफी देर तक जब वह परेशान होते रहे तो उन्होंने वापस अपनी गाड़ियां घुमाईं और निकले, लेकिन इस दौरान पीछे भी गाड़ियों की कतार लग गई। कई चालकों ने फुटपाथ पर गाड़ी चढ़ा ही और वहां से बचते-बचाते निकल गए।
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ब्रिज के पास वाहन फंसे
जाम में फंसने से ब्रिज के चारों ओर वाहनों की लंबी कतार लग गई। इसमें इंदौर रोड पर शिप्रा ढाबे के सामने महाकाल दर्शन के लिए आए बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स (बीएसएफ) के तीन वाहन फंस गए। उन्हें ट्रैफिक पुलिसकर्मी ने जाम के हालात देखते हुए आगे जाने से रोका। करीब आधे घंटे तक वह ऐसे ही खड़े रहे, जाम खुलने पर उन्हें रवाना किया गया।
अतिरिक्त जवानों के बाद भी ऐसे हालात
ट्रैफिक जाम की दिनोंदिन गंभीर होती समस्या को देखते हुए एडीजी उमेश जोगा ने शाजापुर, आगर मालवा, मंदसौर, रतलाम, नीमच और देवास से 40 ट्रैफिक जवानों को उज्जैन में तैनात किया है। जवानों की इस विशेष टीम को भले ही महाकाल क्षेत्र और उसके आसपास के रूट पर तैनात रहने के निर्देश दिए गए हैं, लेकिन बावजूद इसके जाम लगता रहा और इसमें फंसकर लोग परेशान होते रहे। केवल इक्का-दुक्का जवानों की नजर आए।