मध्य प्रदेश लव जिहाद का हॉटस्पॉट बन चुका है। इस राज्य के भोपाल, इंदौर, देवास और जबलपुर जैसे शहरों में जो घटनाएं सामने आईं, उन्होंने पूरे देश को हिलाकर रख दिया। गरबे में कई लड़कियां बैकलेस और डीप-नेक चोली पहनकर आती हैं। बॉलीवुड गानों पर गरबा करती हैं, जो कि गलत है। इंस्टाग्राम अब ‘कोठाग्राम’ बन चुका है। बंद कमरों में बेटियां रील बना रही हैं, इसलिए माताओं का दायित्व है कि वे बेटियों की सोशल मीडिया पर नजर रखें।
यह बात कालिदास अकादमी में विश्व हिंदू परिषद की मातृशक्ति दुर्गावाहिनी संगोष्ठी के आयोजन में गुजरात की हिंदुवादी नेत्री और गुजरात की शेरनी के नाम से मशहूर काजल हिंदुस्तानी ने महिलाओं से कही। उन्होंने कहा कि कुछ लोग लव जिहाद से आपके घर की खुशियां छीनना चाहते हैं। इस नवरात्रि आपको अपने पहनावे से लेकर किसी भी अनजान व्यक्ति के प्रलोभन में नहीं आना है।
काजल हिंदुस्तानी ने आरोप लगाया कि लव जिहाद के पीछे एक संगठित नेटवर्क काम कर रहा है। उन्होंने यहां तक दावा किया कि जिहादियों ने लड़कियों को फंसाने के लिए रेट कार्ड बना रखे हैं। काजल के अनुसार ब्राह्मण की बेटी का 15-16 लाख रुपये और अन्य समाज की बेटी का 10-12 लाख रुपये का रेट कार्ड बन चुका है। उनका यह बयान सोशल मीडिया पर आग की तरह फैल रहा है।
काजल हिंदुस्तानी ने नवरात्रि के आयोजकों से तीखी अपील की। उन्होंने कहा कि गरबा पंडालों में जिहादी अपनी पहचान बदलकर घुसते हैं और भोली-भाली लड़कियों को फंसाते हैं। उन्होंने सभी गरबा पंडाल संचालकों से कहा कि हाथ जोड़कर निवेदन है कि अपने पंडालों के बाहर बड़े-बड़े बोर्ड लगाओ कि ऐसे लोगों का प्रवेश वर्जित है। इतना ही नहीं, उन्होंने जिहादी टेंट वालों और बाउंसरों के प्रवेश पर भी रोक लगाने की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर गरबा पंडाल में इज्जत बेचकर पैसा कमाया जा रहा है, तो आयोजक भी अधर्मी हैं।
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काजल हिंदुस्तानी ने बजरंग दल के कार्यकर्ताओं को भी खास जिम्मेदारी सौंपी। उन्होंने कहा कि पंडालों के बाहर बजरंग दल के भाई मौजूद रहेंगे। ये चेहरा देखकर पहचान जाते हैं कि अब्दुल कौन है और आफताब कौन है? काजल ने यह भी सुझाया कि संदिग्ध लड़कों के मोबाइल फोन और ट्रूकॉलर की जांच की जाए, ताकि उनकी असली पहचान सामने आ सके। उन्होंने कहा कि जब राम जी ने अधर्म का नाश किया था, तभी राम राज्य आया था।
उन्होंने राजनीति में महिलाओं को मिलने वाले 33% आरक्षण पर भी अपनी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आरक्षण की आवश्यकता नहीं है। आरक्षण शब्द ही अपने आप में कमजोरी की निशानी है। यही कारण है कि महिलाएं कमजोर हो रही हैं और बलात्कार जैसी घटनाएं सामने आ रही हैं।
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