श्रावण-भाद्रपद मास में भगवान श्री महाकाल की सवारियां निकाली जाएंगी। श्रावण मास की प्रथम सवारी 14 जुलाई को निकाली जाएगी, जबकि भाद्रपद मास में अंतिम राजसी (शाही) सवारी 18 अगस्त को निकाली जाएगी। श्रावण मास में चार और भाद्रपद मास में दो सवारियां निकाली जाएंगी।
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर रोशन कुमार सिंह की अध्यक्षता में पुलिस कंट्रोल रूम माधव नगर के प्रथम तल के सभाकक्ष में बैठक सम्पन्न हुई। बैठक में श्रावण-भाद्रपद मास की सवारियों को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। श्रद्धालुओं को दर्शन की बेहतर और सुव्यवस्थित व्यवस्था मिले, इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए कि बैरिकेडिंग की व्यवस्था सुदृढ़ हो। बैठक में एडीएम एवं प्रशासक प्रथम कौशिक द्वारा पावरपॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से तैयारियों की जानकारी दी गई।
श्रावण मास की सवारियां
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यह रहेगा सवारी मार्ग
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी, मंदिर के सभामंडप में विधिवत पूजन-अर्चन के पश्चात महाकाल लोक, गुदरी चौक, बख्शी बाजार, कहारवाड़ी होकर रामघाट (शिप्रा तट) पहुंचेगी। यहां पूजन के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौक, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होते हुए वापस मंदिर पहुंचेगी। राजसी सवारी 18 अगस्त को इसी मार्ग के अतिरिक्त मिर्जा नईम बेग, तेलीवाड़ा चौक, कंठाल, सतीगेट, सराफा होकर निकलेगी।
भस्म आरती का समय बदलेगा
श्रावण-भाद्रपद मास (11 जुलाई से 18 अगस्त) तक भस्म आरती के लिए मंदिर के पट सुबह 3 बजे खुलेंगे। प्रत्येक सोमवार को 2:30 बजे। आरती का समय सामान्य दिनों में सुबह 3 से 5 बजे और सोमवार को 2:30 से 4:30 बजे तक रहेगा।
सामान्य दर्शन की व्यवस्था
श्रद्धालु त्रिवेणी संग्रहालय से नंदी द्वार, महाकाल लोक, मानसरोवर भवन, फेसिलिटी सेंटर-1, टनल मंदिर परिसर, कार्तिक मंडपम, गणेश मंडपम होते हुए भगवान महाकाल के दर्शन करेंगे।
जल अर्पण की व्यवस्था सभा मंडप व कार्तिकेय मंडपम में जल पात्रों के माध्यम से होगी।
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शीघ्र दर्शन की व्यवस्था
गेट नंबर 1 और 4 से शीघ्र दर्शन 250 रुपये की सुविधा रहेगी। श्रद्धालु गेट नंबर 4 से विश्रामधाम रैंप, सभा मंडपम होते हुए दर्शन कर सकेंगे।
जूता स्टैंड की व्यवस्था