उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर में भस्मारती दर्शन की चाह में प्रतिदिन देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं। खासकर श्रावण-भादौ माह में तो यहां भक्तों का सैलाब उमड़ता है। भस्मारती में शामिल होने के लिए रोजाना करीब 1800 लोगों को ही अनुमति दी जाती है, लेकिन हजारों लोग बिना अनुमति भी इस दिव्य क्षण के दर्शन करना चाहते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए मंदिर समिति ने ‘चलित भस्मारती’ की व्यवस्था शुरू की है, जिसके जरिए बुकिंग फुल होने के बाद भी श्रद्धालु भस्मारती का अद्भुत नजारा देख पा रहे हैं।
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श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल ने बताया कि देशभर में केवल यहीं भगवान महाकाल को भूतभावन स्वरूप में भस्म चढ़ाकर श्रृंगारित किया जाता है। इस अलौकिक दृश्य को देखने की चाह में लाखों लोग आते हैं। अब समिति ने अनुमति वाले दर्शनार्थियों के साथ-साथ अन्य भक्तों के लिए भी कार्तिक मंडपम से भस्मारती दर्शन की व्यवस्था की है। इसके बाद भक्त मंदिर प्रांगण और महाकाल लोक में लगी बड़ी स्क्रीन पर भी आराम से भस्मारती देख सकते हैं। स्क्रीन के सामने बेंच और टेंट भी लगाए गए हैं, जहां सावन में हजारों लोग बैठकर दर्शन का आनंद ले रहे हैं।
तीन तरह से मिलती है भस्मारती दर्शन की अनुमति
श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की उप प्रशासक सिम्मी यादव के अनुसार, भस्मारती दर्शन की अनुमति तीन माध्यमों से जारी की जाती है।
पहला, ऑनलाइन बुकिंग, जिसमें प्रतिदिन 400 अनुमति 200 रुपये शुल्क पर दी जाती है। यह बुकिंग एक माह पहले खुलती है और ज्यादातर दिनों पूरी तरह फुल रहती है।
दूसरा, काउंटर बुकिंग, जिसमें रोजाना 300 लोगों को निःशुल्क अनुमति मिलती है। काउंटर सुबह सात बजे खुलता है और पहले 60 लोगों को फॉर्म दिए जाते हैं। एक फॉर्म से पांच लोगों को प्रवेश मिलता है। फॉर्म को दोपहर तीन बजे तक आधार कार्ड और अन्य जानकारी के साथ काउंटर पर जमा करना होता है। इसके लिए कई लोग रात से ही लाइन में लग जाते हैं।
तीसरा, प्रोटोकॉल अनुमति, जो पंडे-पुजारी, जनप्रतिनिधि, मीडिया, पुलिस-प्रशासन, न्याय विभाग, केंद्र और राज्य सरकार सहित अन्य वीआईपी के लिए होती है। इस श्रेणी में रोजाना करीब 1100 अनुमति 200 रुपये शुल्क के साथ जारी की जाती हैं।
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हर भक्त के लिए सुलभ दर्शन का प्रयास
मंदिर प्रबंधन का मानना है कि चलित भस्मारती व्यवस्था से अब किसी भी भक्त को निराश नहीं होना पड़ेगा। चाहे अनुमति मिली हो या नहीं, सभी को महाकाल की भस्मारती का अद्भुत अनुभव मिलेगा। इस कदम से श्रावण-भादौ जैसे भीड़भाड़ वाले महीनों में भक्तों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित की जा रही है।