भिवाड़ी साइबर थाना पुलिस ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले का खुलासा किया है। पुलिस ने इस मामले में दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधीक्षक ज्येष्ठा मैत्रेयी ने बताया कि इन आरोपियों के पास से 9 लाख 11 हजार 800 रुपये नकद, 10 तोला सोना, 11 एटीएम कार्ड, 54 सिम कार्ड, 20 मोबाइल फोन, दो नोट गिनने की मशीन, एक टैबलेट, फर्जी कंपनी की मुहर और लेटरपैड, और एक वरना कार बरामद की गई है।
एसपी ने बताया कि आरोपी लोगों को ठगने के लिए एक ट्रेडिंग ऐप का नकली क्लोन बनाते थे और उसे सोशल मीडिया पर शेयर करते थे। लोग इस नकली ऐप में फंस जाते थे और उनकी मेहनत की कमाई ठग ली जाती थी। भिवाड़ी साइबर थाना हाल ही में खोला गया है और ये पहला ही केस है, जिसमें इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है।
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गिरफ्तार आरोपी में से एक इमरान अली ने विकास सैनी नाम से फर्जी पहचान पत्र बनवाए थे और उसका इस्तेमाल ठगी के लिए किया। इमरान और उसके साथियों ने कई फर्जी बैंक खाते भी खुलवा रखे थे, जिनमें जनवरी 2025 से अब तक करीब 26 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। पुलिस इन खातों की जांच कर रही है।
सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि विकास सैनी नाम का कोई असली व्यक्ति ही नहीं है। यह नाम फर्जी आधार कार्ड से इस्तेमाल किया गया था। शिकायतकर्ता ने पुलिस को बताया कि उससे 21 लाख रुपये की धोखाधड़ी हुई थी, जिसमें से पुलिस ने अब तक 10 लाख रुपये बरामद कर लिए हैं। ये पैसे उसी फर्जी खाते में डाले गए थे जो विकास सैनी के नाम से खोला गया था। पुलिस अब यह भी पता लगाने की कोशिश कर रही है कि इन आरोपियों का किस बड़े गैंग से संबंध है।