शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर सोमवार से अलवर जिले में करणी माता मेले का शुभारंभ हो गया। इस बार मेला नौ दिनों की बजाय पूरे दस दिनों तक आयोजित होगा। सुबह छह बजे से ही मंदिर परिसर में भक्तों का तांता लगना शुरू हो गया और श्रद्धालु माता के दर्शन के लिए उमड़ पड़े।
बाला किले और सरिस्का पर पड़ा असर
मेले के चलते बाला किले और उसके आसपास के सरिस्का बफर जोन में रहने वाले वन्य जीव भी प्रभावित हुए हैं। जानकारी के अनुसार यहां रहने वाले बाघ और बाघिन जंगल के अन्य हिस्सों में चले गए हैं। इनमें बाघिन 2302 भी शामिल है, जिसने हाल ही में एक शावक को जन्म दिया है।
मंत्री और महंत ने दी शुभकामनाएं
वन एवं पर्यावरण मंत्री संजय शर्मा ने मंदिर परिसर पहुंचकर पूजा-अर्चना की और प्रदेशवासियों के लिए सुख-समृद्धि की कामना की। मंदिर के महंत उमेश शर्मा ने बताया कि करणी माता मंदिर की स्थापना अलवर रियासत के राजा बख्तावर के समय हुई थी और तब से यह आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। हर साल राजस्थान, हरियाणा, पंजाब, बिहार सहित कई राज्यों से लाखों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं।
श्रद्धालुओं की पैदल यात्रा और प्रशासन की व्यवस्था
मेले के पहले ही दिन बड़ी संख्या में भक्त पैदल यात्रा कर मंदिर पहुंचे। कई लोग परिवार सहित बाइक से आए। प्रशासन ने खराब सड़क की स्थिति को देखते हुए चार पहिया वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दी है और श्रद्धालुओं से पैदल या दोपहिया वाहन से ही आने का आग्रह किया है। भक्तों ने भी इस व्यवस्था का स्वागत किया और पैदल यात्रा को अपनी आस्था का हिस्सा माना।
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सुरक्षा और सुविधाओं की पुख्ता तैयारी
जिला प्रशासन और पुलिस ने मेले की सुरक्षा और व्यवस्था को लेकर व्यापक इंतजाम किए हैं। मंदिर परिसर और मार्गों पर सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। भारी पुलिस बल तैनात है ताकि किसी भी श्रद्धालु को परेशानी का सामना न करना पड़े। मेडिकल टीम, एंबुलेंस और प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भी सक्रिय रखे गए हैं। भीड़ को नियंत्रित करने के लिए बैरिकेड्स और वाहनों की अलग-अलग पार्किंग व्यवस्था की गई है।
दिखे धार्मिक और सांस्कृतिक रंग
मेले में केवल पूजा-अर्चना ही नहीं, बल्कि सांस्कृतिक गतिविधियां भी आकर्षण का केंद्र रहती हैं। दूर-दराज से आए व्यापारी अपने स्टॉल लगाते हैं, जहां ग्रामीण संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। पारंपरिक वस्त्र, मिठाइयां, खिलौने और झूले भक्तों और बच्चों के आकर्षण का हिस्सा बने हुए हैं।
वहीं, प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे नियमों का पालन करें और भीड़भाड़ वाले स्थानों पर धैर्य बनाए रखें। पुलिस ने भी भक्तों से आग्रह किया है कि किसी भी समस्या की स्थिति में तुरंत नज़दीकी पुलिसकर्मी से संपर्क करें।
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