अलवर शहर में एक ओर जहां स्ट्रीट डॉग्स का आतंक बढ़ता जा रहा है, वहीं दूसरी ओर निराश्रित गोवंश भी आमजन के लिए घातक साबित हो रहे हैं। हालात इतने खराब हो चुके हैं कि लोगों का घर से बाहर निकलना भी दूभर हो गया है।
नगर निगम की उदासीनता
नगर निगम की लापरवाही इस समस्या को और बढ़ा रही है। शिकायत करने पर निगम अधिकारियों की ओर से वीडियो भेजने की मांग की जाती है, ताकि यह पुष्टि की जा सके कि शिकायतकर्ता सही कह रहा है या नहीं। लेकिन शिकायतों के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही।
85 वर्षीय वृद्ध पर हमला
ताजा मामला अलवर शहर के करौली कुंड का है, जहां सोमवार दोपहर 85 वर्षीय भगवानदास पर एक आवारा गाय ने हमला कर दिया। लघु शंका के बाद हाथ धोने के लिए पानी की टंकी के पास पहुंचे भगवानदास पर अचानक गाय ने सींगों से हमला कर दिया। इसके बाद उसने उन्हें जमीन पर पटककर पैरों से कुचल दिया, जिससे उनकी पसलियां टूट गईं। गंभीर रूप से घायल भगवानदास को तुरंत सामान्य चिकित्सालय ले जाया गया, जहां हालत गंभीर देखते हुए उन्हें आईसीयू में भर्ती किया गया है।
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पहले भी हो चुका है हमला
घायल वृद्ध के पुत्र ठाकुरदास सैनी ने बताया कि यह घटना पहली बार नहीं हुई है। 15 दिन के भीतर उनके पिता पर यह दूसरा हमला है। इस आवारा गोवंश ने पहले भी कई महिलाओं और पुरुषों को घायल किया है। इसके बावजूद नगर निगम ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है।
शहर में बढ़ता खतरा
आवारा कुत्तों से परेशान लोगों को अब निराश्रित गोवंश की दहशत भी झेलनी पड़ रही है। खास बात यह है कि जिस गाय ने हमला किया, वह लंबे समय से उसी इलाके में घूम रही है और स्थानीय लोग उसे खाना भी देते हैं। बावजूद इसके, वह लगातार लोगों पर हमला कर रही है और प्रशासन मूकदर्शक बना हुआ है।