जिले के कलिंजरा कस्बे में दो दिन पूर्व शिक्षिका लीला ताबियार की तलवार से हत्या करने वाला आरोपी अब तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है। वारदात के 48 घंटे बीतने के बावजूद आरोपी महिपाल भगोरा को पकड़ा नहीं जा सका है। उसकी तलाश में जिले के 9 थानों की पुलिस टीमें दिन-रात जुटी हुई हैं। संभावना है कि आरोपी कुशलगढ़ मार्ग पर स्थित नाल गांव और आसपास के घने जंगलों में छिपा हुआ है।
घटना 1 जुलाई की है जब शैक्षिक सत्र के पहले दिन स्कूल बस का इंतजार कर रही शिक्षिका लीला ताबियार पत्नी लक्ष्मण ताबियार पर उसके पूर्व प्रेमी महिपाल भगोरा ने तलवार से हमला कर दिया था। वारदात के बाद आरोपी अपनी कार से भाग रहा था लेकिन कार एक पेड़ से टकरा गई। इसके बाद वह वाहन छोड़कर भाग निकला।
पुलिस अधीक्षक हर्षवर्धन अग्रवाला के निर्देशन में गठित टीमें आरोपी की तलाश में जंगलों की खाक छान रही हैं। पुलिस ने जंगल में ड्रोन से निगरानी शुरू की है। अधिकारियों का दावा है कि आरोपी को नाल गांव के जंगल में देखा गया था लेकिन पुलिस के पहुंचने से पहले ही वह झाड़ियों में छिपते हुए भाग निकला। जंगल के बाहर निकलने वाले रास्तों पर जवानों की तैनाती कर दी गई है।
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पुलिस ने आसपास के गांवों के जनप्रतिनिधियों और ग्रामीणों से अपील की है कि यदि कोई संदिग्ध व्यक्ति दिखाई दे तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। पुलिस द्वारा की जा रही जांच में सामने आया है कि आरोपी महिपाल पूर्व में भी लीला पर दो बार जानलेवा हमला कर चुका है। 23 अगस्त 2023 को उसने अपने भाई के साथ मिलकर लीला पर मोटर साइकिल से जाते समय हमला किया था। इस मामले में कसारवाड़ी थाना क्षेत्र में केस दर्ज हुआ था और महिपाल को 9 महीने जेल में रहना पड़ा था।
9 मार्च 2025 को उसने फिर से लीला के साथ मारपीट की थी। इस पर भी केस दर्ज हुआ और महिपाल गिरफ्तार हुआ। सवा महीने पहले ही लीला की जमानत पर वह जेल से बाहर आया था और 30 जून को घटना से एक दिन पहले उसने लीला को वीडियो कॉल कर धमकाया था। उसने कहा था कि उसने लीला की पढ़ाई पर हजारों रुपए खर्च किए हैं और अब वह उसे नहीं छोड़ेगा। उल्लेखनीय है कि लीला की नियुक्ति तलाकशुदा महिला के आरक्षण कोटे में हुई थी।