मध्य प्रदेश में इन दिनों मानसून सक्रिय है। मौसम विभाग ने मंदसौर, रतलाम सहित प्रदेश के कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। रतलाम में लगातार हो रही बारिश के कारण नदी-नाले उफान पर हैं और शहर के कई स्थानों पर जलभराव की स्थिति बन गई है।
वहीं, रतलाम के समीप सैलाना में स्थित केदारेश्वर महादेव मंदिर का झरना भी भारी बारिश में शुरू हो गया है, जिससे मंदिर पूरी तरह जलमग्न हो गया है। झमाझम बारिश के कारण पहाड़ी क्षेत्र में हरियाली की चादर छा गई है, जिसे देखने बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। हालांकि, सुरक्षा कारणों से प्रशासन ने श्रद्धालुओं को झरने के समीप जाने की अनुमति नहीं दी है।
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यह मंदिर रतलाम से लगभग 25 किलोमीटर दूर सैलाना गांव के पास स्थित है। ऊंची-ऊंची पहाड़ियों से घिरे इस स्थल पर चट्टानों से रिसकर पानी एकत्र होता है और झरने के रूप में मंदिर के प्रांगण में गिरता है। जब यह पानी मंदिर के पास बने कुंड में गिरता है, तो इसकी बूंदें इंद्रधनुषीय रंग बिखेरती हैं।
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करीब ढाई सौ वर्ष पुराने इस मंदिर का ऐतिहासिक महत्व भी है। यहां स्थित शिवलिंग प्राकृतिक है। कहा जाता है कि पहले यहां केवल एक शिवलिंग था, जिसे 1736 में सैलाना के महाराज जयसिंह ने भव्य मंदिर का रूप दिया। तभी से यह मंदिर ‘केदारेश्वर महादेव मंदिर’ के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यहां हर वर्ष महाशिवरात्रि, वैशाख पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा पर मेला लगता है। वहीं, श्रावण मास में यहां कांवड़ यात्रियों की भारी भीड़ उमड़ती है, जो भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक करने के लिए यहां पहुंचते हैं।