आदिवासी कांग्रेस ने कक्षा 5वीं की अंग्रेजी पुस्तक से काली बाई भील का पाठ हटाए जाने का विरोध करते हुए मंगलवार को मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का पुतला जलाया। जिला कांग्रेस कमेटी कार्यालय के बाहर जुटे कार्यकर्ताओं ने राज्य सरकार और मुख्यमंत्री के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और सड़क पर धरना देकर टायर जलाए।
'आदिवासी समाज की अस्मिता पर हमला'
जिलाध्यक्ष प्रकाश मईडा ने आरोप लगाया कि शिक्षा की देवी मानी जाने वाली काली बाई भील ने गुरु की जान बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था, लेकिन बीजेपी सरकार ने उनकी प्रेरक कहानी को पाठ्यपुस्तक से हटा दिया। उन्होंने कहा कि यह कदम आदिवासी समाज की शिक्षा और प्रेरणा के स्रोत को कमजोर करने वाला है और सरकार की विचारधारा आदिवासी-विरोधी रही है। उपप्रधान मनोहर खड़िया ने कहा कि हमारे पूर्वजों ने सम्मान की रक्षा के लिए प्राण तक न्योछावर किए, हम भी उनकी अस्मिता की रक्षा आख़िरी सांस तक करेंगे।
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प्रदर्शन में अरविंद डामोर, युवक कांग्रेस प्रदेश महासचिव सुभाष निनामा, जिलाध्यक्ष शाश्वत गरासिया, प्रकाश बामनिया, विकास मईड़ा, गणेश डामोर, शाहरुख खान, महावीर पूरी, कांतिलाल निनामा, अंकित निनामा, महेश कटारा, नर्बेश डिंडोर, हेमंत मईडा, प्रदीप निनामा, मनीष हूवर, रामलाल डिंडोर, प्रवीण निनामा, रामचंद्र, विकास निनामा, पुष्पेंद्र पारगी, राकेश ताबियार, सजय खाट, परेश डिंडोर, प्रकाश चरपोटा, जितेंद्र डोडियार, रितेश मईडा, चंदू लाल, कैलाश खांट सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे।